जयपुर। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का सोमवार को जयपुर में उद्घाटन हुआ। उद्घाटन सत्र में केंद्रीय आवासन और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भाग लिया। इसके अलावा सोलोमन द्वीप के मंत्री ट्रेवर हेडली मानेमहागा, तुवालु के मंत्री मैना वकफुआ तालिया, मालदीव के जलवायु परिवर्तन उप मंत्री अहमद निजाम भी उद्घाटन सत्र में मौजूद रहे। जापान सरकार के पर्यावरण मंत्री असाओ केइचिरो वर्चुअल संदेश के माध्यम से उद्घाटन सत्र में शामिल हुए।
उत्तराखंड सरकार के शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, राजस्थान सरकार के नगरीय विकास विभाग एवं स्वायत्त शासन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा, मध्य प्रदेश सरकार के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा भारत पी-3 (प्रो प्लैनेट पीपुल) दृष्टिकोण का पालन करता है
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष लिखित संदेश फोरम के प्रतिनिधियों के बीच पढ़ा गया। अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत पी-3 (प्रो प्लैनेट पीपुल) दृष्टिकोण का पालन करता है और इसका पुरजोर समर्थन करता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत सर्कुलर इकोनॉमी की अपनी यात्रा के अपने अनुभव और सीख दूसरों के साथ साझा करने के लिए हमेशा ही तत्पर रहा है।
अपने संदेश में उन्होंने सतत शहरी विकास और संसाधनों की दक्षता सुनिश्चित करने में 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने मिशन लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) और कॉप 26 में घोषित पंचामृत लक्ष्यों सहित वैश्विक स्थिरता प्रयासों में नेट-जीरो भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रकट करने वाले भारत के नेतृत्वकारी प्रयासों की जानकारी भी दी।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा ऐसे आयोजन के लिए जयपुर आदर्श स्थल
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, केंद्रीय आवासन और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने सत्र में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों तथा उद्योग जगत और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने इंदौर में 8वें फोरम के सफल आयोजन के बाद भारत द्वारा फोरम के 12वें संस्करण की मेजबानी करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि जयपुर वर्षा जल संचयन और रीसाइकल्ड सामग्रियों से बनी हस्तशिल्प जैसी परम्पराओं के लिए जाना जाता है जो सस्टेनेबिलिटी के लिए महत्वपूर्ण है और इसलिए ऐसे आयोजन के लिए जयपुर एक आदर्श स्थल है। उन्होंने राज्य के विकास में सस्टेनेबिलिटी को प्रमुख स्तंभ बनाने में राज्य के कुशल नेतृत्व के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को धन्यवाद भी दिया।
सिटीज कॉयलेशन फॉर सर्कुलरिटी (सी-3) का शुभारंभ
पीएम मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल ने सिटीज कॉयलेशन फॉर सर्कुलरिटी सर्कुलरिटी (सी-3) की घोषणा की। यह शहरों के बीच आपसी सहयोग, जानकारी और ज्ञान को साझा करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए एक बहु-राष्ट्रीय गठबंधन है। उन्होंने कहा, “हम प्रस्ताव करते हैं कि गठबंधन की संरचना और परिचालन रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए इस फोरम के बाद सदस्य देशों का एक कार्य समूह बनाया जाए।” इससे विभिन्न देशों में शहरों के बीच आपसी साझेदारी में एक बड़ा परिवर्तन होने की उम्मीद है।
मनोहर लाल ने कहा कि यह मंच संसाधनों की दक्षता और कार्बन की कमी वाली अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। इसके साथ ही नीति निर्माताओं, उद्योग के नेताओं और शोधकर्ताओं के बीच सहयोग को मजबूत करेगा ताकि एक स्थायी भविष्य का निर्माण किया जा सके।
उद्घाटन भाषण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सर्कुलर इकोनॉमी सिर्फ एक पर्यावरणीय जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि एक आर्थिक आवश्यकता है।“ उन्होंने बताया कि भारत ने हमेशा एक सस्टेनेबल जीवन शैली को अपनाया है, लेकिन औद्योगीकरण के कारण अपशिष्ट और संसाधनों की अकुशलता बढी है। उन्होंने कहा, “अब इन पारंपरिक सस्टेनेबल प्रेक्टिसेज को तकनीकी प्रगति के साथ आधुनिक बनाने और एकीकृत करने का समय आ गया है।“
3आर इंडिया पवेलियन – नवाचारों की प्रदर्शनी
मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ 3आर इंडिया पवेलियन का उद्घाटन भी किया। इस पैवेलियन में अंतर्राष्ट्रीय 3आर व्यापार और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें अपशिष्ट प्रबंधन और सर्कुलर इकोनॉमी के उपायों पर पर काम कर रहे 40 से अधिक भारतीय और जापानी व्यवसायों और स्टार्टअप्स को प्रदर्शित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी आज ही नहीं बल्कि भविष्य की भी जरूरत
इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी आज की ही नहीं बल्कि हमारे भविष्य की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का ह्रास और प्रदूषण जैसे मुद्दे पृथ्वी के लिए चुनौतियां पैदा कर रहे हैं और सर्कुलर इकोनॉमी इन चुनौतियों से निपटने का सबसे कारगर तरीका है।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी प्रणाली है जिसमें कचरे का दोबारा उपयोग और पुनर्चक्रण किया जाता है जिससे ऊर्जा की खपत कम होती है और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है। इस दिशा में राजस्थान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार इस मिशन में अग्रणी भूमिका निभा रही है। यहां एक पर्यावरण प्रबंधन प्रकोष्ठ (ईएमसी) की स्थापना की गई है ताकि कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण को और अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके।
सिटी इन्वेस्टमेंट्स टू इनोवेट इंटीग्रेट एंड सस्टेन (सिटीज) 2.0 के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर
कार्यक्रम के दौरान, सिटीज 2.0 के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जो शहरी सस्टेनेबिलिटी के लिए किए जाने वाले कार्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। केन्द्रीय मंत्री ने सिटीज 2.0 के बारे में भी बात की, जो एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु के लिए किए जाने वाले कार्यों को आगे बढ़ाने वाला एक प्रमुख प्रयास है। उन्होंने घोषणा की कि इस पहल के तहत 1,800 करोड़ रूपए के समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिससे 14 राज्यों के 18 शहरों को लाभ होगा और यह अन्य शहरी क्षेत्रों के लिए आदर्ष परियोजनाओं के रूप में काम करेगा।