जयपुर। गुरुद्वारा हीदा की मोरी रामगंज में 38वां महान गुरमत समागम का आयोजन किया गया। इस आयोजन की शुक्रवार सुबह श्री अखंड पाठ साहिब की समाप्ति के बाद शुरुआत हुई सुबह कीर्तन दीवान सजाया गया जिसमें सबसे पहले भाई गुरमीत सिंह जी हजूरी रागी जत्था हीदा की मोरी ने “बेअंता बेअंत गुण तेरे” “सच वापार करो व्यापारी” अपने शब्द कीर्तन से संगत को निहाल किया। गुरुद्वारा हीदा की मोरी के प्रधान सरदार सुच्चा सिंह जी ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के ऊपर जो चंदौआ साहब और रुमाला साहिब लगाए जाते हैं वह श्री दरबार साहिब अमृतसर से मंगाए गए हैं।
कीर्तन दीवान में भाई मनजोत सिंह अमृतसर वाले ने “हर-हर चरण रिदे उर दारे” ” तू चित आवह तेरी मइया” इनके उपरांत भाई अमृतपाल सिंह जी ने “धन-धन रामदास गुरु जिन सिरिया तिने सवारियां”, “साजनडा मेरा साजनडा”, “अवर उपाव सब न्यायगिया,” भाई सतविंदर सिंह जी ने “कर कृपा कृपाल बक्श ले” शबद गाकर संगत को निहाल किया। कीर्तन उपरांत अतुट लंगर वरताया गया।