February 4, 2025, 1:30 pm
spot_imgspot_img

भेरुजी महाराज के लगाया जाएगा 4 सौ क्विंटल चूरमे का भोग

जयपुर। कोटपूतली के कुहाड़ा वाले भैरुजी महाराज के 30 जनवरी को  4 सौ क्विटल चूरमा का भोग लगाया लगाया गया । इस अवसर पर मंदिर प्रांगण को लाइटों और रंग-बिरंगे फूलों की माला से सजाया गया। मंदिर प्रांगण में भैरुजी को चूरमें का भोग अर्पण करने के पश्चात मंदिर परिसर में भजन संध्या का आयोजन भी किया गया। जिसमें भैरुजी महाराज को रिझाने के लिए लोक गीतों का आयोजन हुआ। कोटपूतली के कुहाडा वाले भैरुजी महाराज के अलावा आसपास के कई गांवों को लोग इस भंडारे में उपस्थित हुए। जिसमें करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंगत प्रसादी ग्रहण की।

इस आयोजन के लिए पूरे गांव के ग्रामीण करीब तीन पहले से लगे हुए थे। जिसमें 400 क्विटल चूरमें को तैयार करने के लिए थ्रेसर और जेसीबी की मदद ली गई थी। अंगारों पर बाटियों को तैयार करने के बाद उनकी थ्रेसरों से कुटाई की गई । जिसके बाद जेसीबी की मदद से उसमें घी,बुरा सहित अन्य सामग्री मिलाई गई। चूरमा तैयार होने के बाद उन्हे टैंक्टर ट्रॉली की मदद से मंदिर प्रांगण तक पहुंचाया गया।

इन सामग्री से तैयार किया गया है चूरमा

400 क्विटल चूरमा तैयार करने के लिए 150 क्विंटल आटा, 50 क्विंटल सूजी, 30 क्विंटल देसी घी, 100 क्विंटल खांड, 10 क्विंटल मावा, 3 क्विंटल बादाम, 3 क्विंटल किशमिश, 3 क्विंटल काजू, 3 क्विंटल खोपरा, 50 क्विंटल दूध आटे, 100 क्विंटल दूध का दही और 50 क्विंटल दाल को मिलाकर कुल 551 क्विंटल की महाप्रसादी तैयार की गई है।  इसी प्रकार दाल बनाने में 50 क्विंटल दाल, 21 पीपा सरसों तेल, 5 क्विंटल टमाटर, 2 क्विंटल हरी मिर्च, 1 क्विंटल हरा धनिया मिलाया गया है। वहीं  दाल में 60 किलो लाल मिर्च, 60 किलो हल्दी और 40 किलो जीरा भी डाला गया है। विशेष बात यह है कि प्रसादी के लिए शुद्ध देशी घी का उपयोग किया जा रहा है। घी और दूध यहीं ग्राम कुहाड़ा के प्रत्येक घर से लिया जा रहा है. प्रसादी तैयार करने के लिए 150 हलवाईयों की टीम जुटी हुई है।

ढ़ाई लाख पत्तल दोने में हुआ प्रसाद वितरण

भैरुजी के इस लक्खी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण के लिए ग्रामीणों ने ढ़ाई लाख पत्तल -दोने,चाय -कॉफी के लिए 4 लाख कप मंगवाएं है। इसी के साथ पेयजल आपूर्ति के लिए 15 पानी के टैंकर की व्यवस्था भी की गई है।

इन सामग्री से तैयार किया गया है चूरमा

400 क्विटल चूरमा तैयार करने के लिए 150 क्विंटल आटा, 50 क्विंटल सूजी, 30 क्विंटल देसी घी, 100 क्विंटल खांड, 10 क्विंटल मावा, 3 क्विंटल बादाम, 3 क्विंटल किशमिश, 3 क्विंटल काजू, 3 क्विंटल खोपरा, 50 क्विंटल दूध आटे, 100 क्विंटल दूध का दही और 50 क्विंटल दाल को मिलाकर कुल 551 क्विंटल की महाप्रसादी तैयार की गई है।  इसी प्रकार दाल बनाने में 50 क्विंटल दाल, 21 पीपा सरसों तेल, 5 क्विंटल टमाटर, 2 क्विंटल हरी मिर्च, 1 क्विंटल हरा धनिया मिलाया गया है।

डेढ़ सौ हलवाई की मदद से तैयार हो रही है खाद्य सामग्री

 दाल में 60 किलो लाल मिर्च, 60 किलो हल्दी और 40 किलो जीरा भी डाला गया है। विशेष बात यह है कि प्रसादी के लिए शुद्ध देशी घी का उपयोग किया जा रहा है। घी और दूध यहीं ग्राम कुहाड़ा के प्रत्येक घर से लिया जा रहा है।  प्रसादी तैयार करने के लिए 150 हलवाईयों की टीम जुटी हुई है।

ये है मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सोनगिरा पोषवाल प्रथम भैरुजी का परम भक्त था। जो भैरु जी महाराज की मूर्ति को कुहाड़ा गांव में स्थापित करना चाहता था। भैरु जी महाराज की मूर्ति लाने वो काशीजी चला गया।बताया जाता है कि भैरु जी महाराज ने उसे सपनों में दर्शन देकर सोनगिरा से बड़े बेटे की बली मांगी । जिस पर वह बेटे की बली देकर भैरु जी महाराज की मूर्ति लेकर चल दिया। भैरु जी महाराज ने बलिदान से प्रसन्न होकर उसके पुत्र को जीवित कर दिया। इसलिए मूर्ति स्थापना दिवस पर यहां भैरुजी महाराज के विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर में पंचदेव खेजडी वृक्ष् की आज भी पूजा की जाती है। जिस स्त्री के संतान नहीं होती वह मंडल में उपस्थित जड़ के नीचे से निकलकर अपनी मनोकामना मांगती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles