जयपुर। ठिकाना मंदिर श्री रामचंद्र जी चांदपोल बाजार जयपुर में शुक्रवार से 8 दिवसीय श्री राम जानकी विवाह मंगल महोत्सव शुरू होने जा रहा है । हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ये उत्सव प्रतिदिन रामायण एवं मिथिला पद्धति के अनुसार विविध वैवाहिक प्रसंग द्वारा सगुण ब्रह्म का सरकार दर्शन एवं प्रासंगिक भजन गायन के साथ मनाया जाएगा। इस विवाह उत्सव में होने वाले कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है। शुक्रवार से शुरू हो रहे श्री रामजानकी विवाह महाउत्सव की शुरुवात प्रातः श्री गणपति निमंत्रण से होगी।साथ ही श्री राम विवाह के बने बधाई पद गाये जाएंगे। इसके बाद 16 नवंबर 2024 को श्री ठाकुर जी जनकपुर में जायेंगे।वहाँ नगर भृमण का उत्सव मनाया जाएगा।
इसके बाद गौरी पूजन,धनुष यज्ञ, सगाई तिलक,मेहंदी आदि उत्सव किये जायेंगे।प्रतिदिन उत्सव का समय शाम 6 बजे का रहेगा। प्रीति वर्ष श्री ठाकुर जी की बारात जाट के कुवे स्थित हलकारा भवन से सज धज कर बैंड बाजे एवम लवाजमे के साथ भारी तादाद में भक्त गण के साथ मंदिर पहुचती है। महंत नरेंद्र तिवारी ने बताया कि इस वर्ष बारात कि निकासी धूमधाम से की जाएगी। बैंड बाजे,ढोल, हाथी,घोड़े, लवाजमा, अडानी पंखे ओर आतिशबाजी विशेष रहेंगे। श्री रामजानकी विवाह उत्सव के सभी मनोरथ जैसे नगर दर्शन, पुष्प वाटिका प्रसंग, धनुष यज्ञ, गौरी पूजन आदि पदों के माध्यम से बक्सर की सखियों और मंदिर भक्त समाज द्वारा मिथला पुर की पद्दति से मंदिर परिवार द्वारा किये जायेंगे।
21 नवंबर 2024 को कवर कलेवा का उत्सव किया जायेगा जिसमें श्री राम जी को जनकपुर वाले 56 भोग जिमाएँगे। इसके बाद जनकपुर से विदाई होगी तथा अवधपुर में स्वागत किया जाएगा। 22 नवंबर 2024 को अयोध्या में दूल्हा दुल्हन के आगमन के अवसर पर पैसारा मिज्मनी उत्सव मनाया जाएगा। सभी उत्सवों का समय 6 बजे से 9 बजे तक रहेगा ।
गौरतलब है आज के करीबन 95 वर्ष पहले मंदिर की ही भक्त श्री काकीजी को स्वप्न में एक बच्ची आई,वो बोली कि मेरा ब्याव करवा दो। प्रातः होते ही काकीजी ने मंदिर आकर अपने स्वप्न की चर्चा की । इसके बाद मौजूद मंदिर परिवार के सदस्यों और दूसरे भक्तों के साथ मिलकर विवाह उत्सव मनाया गया। इस उत्सव को चलते 95 वर्ष हो गए है। दूर दूर से लोग मंगसिर माह में होने वाले इस उत्सव को देखने आते है। यहां तक कि अयोध्या और जनकपुर से भी यात्री आते रहते है।
आज मंदिर परिवार 95 वर्षों से उसी धूम धाम से यह परंपरा निभाता आ रहा है। यह विवाह उत्सव मंदिर के मुख्य उत्सवों में से एक है। श्री रामायण जी में सिया राम जी जितने नेक चार का वर्णन है वो सभी इसमें निभाए जाते है। उत्सव में दर्शन का समय बदला जाएगा मंदिर रात्रि 10 बजे तक खुल्ला रहेगा। भक्तगणों को ऑनलाइन सभी उत्सव के दर्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। मिथिला पद्ति से से होने वाले इस विवाह महाउत्सव में सभी प्रसंग साकार करए जाएंगे।