जयपुर। लौकिक से अलौकिक की यात्रा ध्यान के विज्ञान पर अश्विनी गुरु जी के साथ एक 6 दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन सालासर, राजस्थान में 5 से 10 दिसंबर तक किया जाएगा।
ध्यान आश्रम के अश्विनी गुरु जी कहते हैं एक सामान्य व्यक्ति का मस्तिष्क 7-8 प्रतिशत की दक्षता पर काम करता है, जो पांच इंद्रियों द्वारा बुनियादी कार्यकलापों के लिए पर्याप्त है। हालांकि एक मनुष्य के पास 16 इंद्रियां होती हैं, जो 92-93 प्रतिशत मस्तिष्क पर कार्य करती हैं। यह अप्रयुक्त क्षमता है जिसे योग विज्ञान के माध्यम से वैदिक गुरुओं द्वारा उपयोग किया गया था। वह जो कर सकते थें, आप भी कर सकते हैं।
योगी जी पिछले दो दशक से अधिक न केवल प्राचीन वैदिक विज्ञान सिखा रहे हैं, बल्कि उन्होंने परिमाण स्वरूप 200 आईएमए डॉक्टरों और दर्शकों के सामने लाइव, दूरदर्शिता के विज्ञान को सिद्ध किया है।
योग का विज्ञान कई चरणों में प्रकट होता है, पहले तत्वों के माध्यम से, फिर चेतना और अंत में दिव्यता के माध्यम से। अश्विनी गुरु जी राजस्थान में ध्यान के विज्ञान पर 6 दिवसीय विशेष रिट्रीट में कुछ दुर्लभ और प्राचीन तकनीकों का अनावरण करेंगे। प्रथम 3 दिन पूर्व के सत्रों में सिखाए गए ज्ञान का पुनरीक्षण होगा, और अगले 3 दिनों में नई तकनीकों का समावेश होगा। आप 3 अथवा 6 दिनों के लिए अपना नामांकन करा सकते हैं।