जयपुर। प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त विश्व गुरू स्वामी महेश्वरानंद जी महाराज की प्रेरण से श्याम नगर स्थित विश्व गुरू दीप आश्रम शोध संस्थान में प्राच्य विद्या मनीषी एवं मानस मर्मज्ञ पंड़ित महेश दत्त शर्मा गुरूजी ने गोस्वामी तुलसीदास जी रचित विनय पत्रिका का संगीतमय गायन किया।
विश्व गुरु दीप आश्रम शोध संस्थान के उपाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानेश्वर पुरी ने बताया कि प्रारंभ में महंत हरिशंकर वेदांती ने दीप प्रज्वलन किया। इसके बाद वेदांती व पंडित महेश दत्त शर्मा गुरु जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया ।
इस मौके पर मानस मर्मज्ञ पंडित महेश दत्त शर्मा गुरूजी ने विनय पत्रिका का गायन करते हुए विनय पत्रिका में निहित कई गूढ़ रहस्यों को उद्घाटित किया। गुरु जी ने बताया कि विनय पत्रिका गोस्वामी तुलसीदास कृत उनकी अंतिम रचना है जो भगवान श्री राम को उनका प्रार्थना पत्र है। गुरु जी ने यह भी बताया कि विनय पत्रिका में छह बार श्री शब्द का प्रयोग हुआ। गुरुजी ने प्रभु श्री राम के प्रति गोस्वामी तुलसीदास की अनन्य भक्ति को कई प्रमाण देकर के प्रकट किया। उन्होंने बताया कि विनय पत्रिका का श्रद्धापूर्वक व नियमित गायन करने और पढ़ने से मनुष्य बड़ी से बड़ी विपत्तियों से मुक्त हो जाता है । गुरुजी ने अपने गायन में मंगलाचरण के महत्व को बताते हुए सभी देवताओं में श्री हनुमान जी की श्रेष्ठता को बताने के लिए कई प्रमाण भी दिए । गुरु जी के इस इस संगीत में गायन से उपस्थित सभी श्रोता और गणमान्य नागरिक मंत्र मुग्ध हो गए ।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि आश्रम के द्वारा समय-समय पर ऐसे संगीतमय कार्यक्रम , व्याख्यान, संगोष्ठी तथा शोध परक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है । विश्व गुरु दीप आश्रम भारत के साथ-साथ विदेशों में भी भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार करने में अग्रसर रहता है।
कार्यक्रम में राजस्थान संस्कृत अकादमी की अध्यक्ष डॉ. सरोज कोचर, विनायक शर्मा,सचिव कपिल अग्रवाल, संस्कृत विद्वान डॉ. रघुवीर प्रसाद शर्मा, व्यवसायी रामचंद्र अग्रवाल, तथा संस्कृत क्षेत्र के कई प्रबुद्ध जन और भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।