जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल में मेडिसन विभाग के डॉक्टरों ने एक उन्नीस वर्षीय एक युवक का सफल एलोजेनिक बोन मेरो ट्रांसप्लांट किया गया है। अस्पताल में हेमेटोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन विभाग में डॉक्टरों की टीम के मुताबिक युवक को एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया जैसी घातक बीमारी होने के चलते ट्रांसप्लांट कर युवक को नया जीवन दिया है। एसएमएस अस्पताल के बोन ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ व हेमाटोलॉजिस्ट डॉ. विष्णु शर्मा ने बताया कि एलोजेनिक बोन मेरो ट्रांसप्लांट को सबसे जटिल ट्रांसप्लांट माना जाता है ।
एलोजेनिक ट्रांसप्लांट में मरीज के भाई या बहन से स्वस्थ स्टेम सेल्स लेकर मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किये जाते है जो विकृत सेल्स का स्थान लेकर स्वस्थ रक्त सेल्स बनाना शुरू कर देते है साथ ही नया इम्यून सिस्टम विकसित होता है जिसमे कैंसर विरोधी क्षमता होती है, उनके पास एक ऐएमएल गंभीर ब्लड कैंसर से पीड़ित मरीज भर्ती हुआ जिसे पहले कीमोथेरेपी देकर कैंसर को कण्ट्रोल किया व बाद में कैंसर कि गंभीरता को देखते हुए बोन मेरो ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया गया । उपचार पद्धति के बारे में मरीज व परिवारजनो को विस्तार से समझाकर सहमति लेने के बाद ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू कि गई।
शर्मा ने बताया कि एलोजेनिक ट्रांसप्लांट से पहने मरीज के भाई और बहन का ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन मैच कराया गया। भाई का एचएलए मैच होने के बाद उसका स्टेम सेल निकाला गया और युवक यानी कि उसके छोटे भाई में ट्रांसप्लांट कर दिया गया। डॉक्टरों ने इस ऑपरेशन के बाद लगातार चेकअप और ट्रीटमेंट किया। मेडिकेशन और पूरा देखभाल किया गया। अब युवक बिल्कुल ठीक है। मेडिसिन विभाग में इस तरह के ट्रांसप्लांट होने से मरीजों कि प्रतीक्षा सूचि में कमी आएगी व भविष्य में वरदान साबित होगी । एसएमएस अस्पताल के ट्रांसप्लांट हेमाटोलॉजिस्ट विशेषज्ञ डॉ. विष्णु शर्मा, वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक अग्रवाल, डॉ. आशुतोष राय, डॉ. कमलेश राजपुरोहित, डॉ. कुलदीप स्रवता व डॉ. हर्ष सैनी, रेजीडेंट्स और नर्सिग आफिसर्स ने ऑपरेशन थिएटर में यह ट्रांसप्लांट में सहयोग रहा।