जयपुर। अजमेर रोड पुरानी चुंगी नाका की नीलकंठ कॉलोनी स्थित श्री शुक संप्रदाय आचार्य पीठ बरसाना में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा में सोमवार नवधा शक्ति और शबरी -राम मिलन की कथा हुई । श्री शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सानिध्य में ठाकुरजी की आरती और व्यास पूजन किया गया। प्रसंगानुरूप भगवान राम को बेर का भोग लगाया गया।
व्यासपीठ से आचार्य राजेश्वर ने कहा कि उन्होंने शबरी माता तथा भगवान श्री राम जी के संवाद को बड़े ही मार्मिक ढंग से वर्णन किया। जब सबरी माता ने भगवान से पूंछा कि मैं दरिद्र एवं लाचार हूं, आपकी भक्ति कैसे करूं तो उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति नौ प्रकार से की जा सकती है। संतों की संगत भी भगवान की भक्ति है।
भगवान का नाम, गुरू के चरणों की सेवा, भगवान का भजन करना, मंत्र जाप करना, छल-कपट भाव छोड़ना आदि भगवान की भक्ति है। भगवान राम ने शबरी को नवधा भक्ति का ज्ञान देकर उनकी वर्षों की तपस्या का पूरा किया। उन्होंने कहा कि भगवान राम सीता की खोज करते हुए समाज में ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाने के लिए भीलनी शबरी के आश्रम पहुंचे और उसके जूठे बेर खाए।
कड़ाके की सर्दी के बावजूद आसपास सहित दूर-दराज की कॉलोनियों के श्रोता कथा श्रवण करने पहुंचे। कथा में पहुंचे विभिन्न मंदिरों के संतों-महंतों का श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने स्वागत किया। कथा नौ जनवरी तक होगी।