जयपुर। वरिष्ठ कलाविद् श्रीगोपाल पुरोहित व ध्रुवपद सम्राट उस्ताद एच.सईदुद्दीन ख़ां डागर की स्मृति में 41वां गुणीजन संगीत समारोह सितार और संतूर की प्रस्तुतियों से रोशन हो उठा। मौका रहा, गुरुवार को स्वागत जयपुर फाउंडेशन की ओर से जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में महिला सशक्तिकरण पर आधारित कार्यक्रम ‘रीयूनियन’ का। संगीत गुरु पं.चंद्र मोहन भट्ट के निर्देशन में उनकी शिष्याओं अनिता सुराना, डॉ.अर्चना जुल्का, विन्नी चोपड़ा, आराधना शर्मा और ज्योति सामरिया ने सामूहिक रूप से सितार वादन की प्रस्तुति दी।
संगीत के मैहर घराने की बंदिश को कलाकारों ने राग तिलक श्याम के जरिए पेश किया। इसके अलावा ‘रीयूनियन’ धुन में विभिन्न प्रकार के सितार में उपयुक्त छंदों को खूबसूरत अंदाज में दर्शाया। तबले पर मानवेंद्र डांगी ने सधि हुई संगत की। समारोह के तहत श्रीगोपाल पुरोहित कला पुरस्कार संगीत गुरु पं.चंद्रमोहन भट्ट को और लेखन पुरस्कार से लेखिका अंशु हर्ष को सम्मानित किया गया।
संतूर पर बहाया सुरों का झरना-
कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में प्रदेश के वरिष्ठ संतूर वादक अनवर हुसैन ‘नीलू’ का संतूर वादन हुआ। उन्होंने अपने संतूर वादन में दक्षिण भारतीय राग चरुकेशी में आलाप, जोड़ और झाले को पेश किया। संतूर के सौ तारों के जरिए कलाकार ने सुरों का झरना बहाकर श्रोताओं को आनंदित किया। उनके साथ तबले पर दिनेश खींची ने लुभावनी संगत की। इससे पूर्व वरिष्ठ कला समीक्षक व लेखक सर्वेश भट्ट ने सांस्कृतिक पत्रकारिता पर विचारों की प्रस्तुति दी। समारोह संयोजक इकबाल खां ने मुख्य अतिथि आइएएस पीसी किशन, वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी और शिक्षाविद् एल.सी.भारतीय सहित सभी का आभार व्यक्त किया।