जयपुर। अयोध्या के श्रीराम मंदिर में विराजित श्री राम लला के विग्रह के प्रतिरूप को बाईस जनवरी को जयपुर स्थित भांकरोटा में एक मंदिर में स्थापित किया जाएगा। इससे पूर्व आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर से अठारह जनवरी को सुबह सवा ग्यारह बजे गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा के रूप में विग्रह को नगर भ्रमण करवाया जाएगा। आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट एवं वेदपाल त्यागी चेरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नगर भ्रमण और प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां जोरों पर है।
धर्म प्रचारक विजय शंकर पांडेय ने बताया कि शोभायात्रा को गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी, शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज, काले हनुमान मंदिर के महंत गोपाल दास महाराज सहित अनेक संत-महंत रवाना करेंगे। भजनों की स्वर लहरियों और जयकारों के साथ शोभायात्रा चांदनी चौक, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़ होते हुए शोभायात्रा चांदपोल स्थित श्रीराम चंद्रजी मंदिर पहुंचेगी। जगह-जगह पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया जाएगा। राम चंद्र जी के मंदिर में रामलला के विग्रह की महाआरती की जाएगी। यहां से विग्रह को भांकरोटा ले जाएगा।
अयोध्या में बाईस जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। उसी दिन उसी समय भांकरोटा के साईं मंदिर के पास राम लला के विग्रह की डॉ. प्रशांत शर्मा के आचार्यत्व में वेद मंत्रोच्चार के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। राम लला का मनमोहक श्रृंगार कर महाआरती की जाएगी। इसके बाद भंडारा प्रसादी होगी और साथ ही दीपोत्सव मनाया जाएगा।
शास्त्रीय आधार पर बनाई प्रतिमा
रामलला की मूर्ति रामायण के आधार पर बनाई गई है। बाल स्वरूप राम लला कमल पर विराजमान है। हाथ में धनुष नहीं है। ढाई फीट की प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार विशाल अग्रवाल ने किया है। उन्होंने प्रतिमा को तैयार करने के लिए पहले कई संतों से चर्चा कर शास्त्रों में वर्णित रामलला के स्वरूप की सभी जानकारियां एकत्र की। बाद में मूर्ति को अंतिम रूप दिया।