करीब 400 साल पहले गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस का अयोध्या कांड गलताजी में ही लिखा था। तुलसीदास जी करीब 3 साल तक यहां रुके थे और भगवान राम के जीवन से जुड़ी कई बड़ी घटनाओं को अयोध्या कांड में लिखा था।
अयोध्या सा पुण्य यहीं मिल जाएगा
गलता पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य महाराज ने बताया कि यहां हर साल लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते है। उन्होंने कहा कि जो लोग राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या नहीं जा पा रहे हैं, उनको अयोध्या सा पुण्य यहीं इसी धाम में मिल जाएगा।
गलता जी में ही लिखा था अयोध्या कांड
अवधेशाचार्य महाराज ने बताया- एक समय गलता के महान संत नाभादासजी ने पूरे भारत के संतों को इकट्ठा करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने सभी संतों को आपस में जोड़ने के लिए गलता में एक बड़ा भंडारा किया था। सभी संतों को न्योता भेजा गया, जिसमें तुलसीदासजी भी शामिल थे। कई कथाकारों ने भी अपनी कथाओं में तुलसीदास जी के गलता प्रवास को लेकर उल्लेख किया है। उसी दौरान तुलसीदास जी ने यहां अयोध्या कांड की रचना की थी। रामायण में अयोध्या कांड में भगवान राम के जीवन से जुड़ी कई बड़ी घटनाएं हैं।