जयपुर। माघ शुक्ल प्रतिपदा पर शनिवार को शुभ मुहूर्त में घट स्थापना के साथ शक्ति की आराधना का पर्व गुपत नवरात्र शुरू हुआ। शिला माता, मनसा माता, रूद्र घंटेश्वरी, काली माता,वैष्णो माता सहित देवी के अन्य मंदिरों में शुभ मुहूर्त में घट स्थापना कर अखंड ज्योत प्रज्वलित की गई। इस बार गुप्त नवरात्र में पूरे नौ दिन रहेंगे। इसमें विभिन्न योग और नक्षत्रों का शुभ संयोग रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पुरूषोत्तम गौड़ ने बताया कि इन 9 दिनों में पांच रवि योग, दो सर्वार्थ सिद्धि, दो अमृत सिद्धि, एक त्रिपुष्कर रहेंगे। इसके अलावा धनिष्ठा नक्षत्र के साथ वरीयान योग का संयोग बन रहा है। इससे मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने वालों को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा। इन दिनों में पूजा, दान-पुण्य और खरीद-फरोख्त विशेष फलदायी सिद्ध होगी। तांत्रिक साधना में रूचि रखने वाले साधकों ने घर पर घट स्थापना कर दुर्गा सप्तशती, चालीसा का पाठ किया।
उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म में गुप्त नवरात्र का पर्व बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की गुप्त पूजा होती है। गुप्त नवरात्र 18 फरवरी तक रहेंगे। गलता गेट स्थित गीता मंदिर में गुप्त नवरात्र की विशेष आराधना प्रारंभ हुई। पं. राजकुमार चतुर्वेदी ने घट स्थापना कर दुर्गा सप्तशती के पाठ किए। बाद में महाआरती की गई।
गुप्त नवरात्र स्थापना: विश्वजन कल्याण कामना के लिए गायत्री महायज्ञ
आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट एवं श्री वेदपाल त्यागी चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में भांकरोटा स्थित साईं बाबा मंदिर के पास श्री राम लला मंदिर में गुप्त नवरात्र स्थापना की गई। पूजा-अर्चना के बाद राम लला को नवान्हपारायण के पाठ सुनाए गए। इस अवसर पर धर्म प्रचारक विजय शंकर पांडेय ने बताया कि गुप्त नवरात्रि पर विश्वजन कल्याण कामना के लिए गायत्री महायज्ञ किया गया।
गुप्त नवरात्र में पूरे नौ दिन आहुतियां अर्पित की जाएंगी। गुप्त नवरात्र के दौरान काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडषी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी या कमला की साधना की जाती है। मान्यता है कि देवी मां की इन 10 महाविद्याओं की पूजा करने से मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती है।