जयपुर । एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने बीकानेर के एक कपड़ा व प्रॉपर्टी कारोबारी का अपहरण कर 20 लाख की रंगदारी वसूलने के मामले में फरार चल रहे लॉरेन्स विश्नोई व रोहित गोदारा गैंग के सक्रिय सदस्य बीकानेर निवासी रामचन्द्र डूडी उर्फ सुखदेव उर्फ सुक्खा पुत्र हंसराज को करधनी थाना इलाके से डिटेन किया। जिसे अग्रिम कार्रवाई के लिए कालवाड़ थाना पुलिस को सौंप दिया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एजीटीएफ विद्या प्रकाश ने बताया कि बीकानेर जिले के गंगा शहर निवासी कपड़ा व्यापारी विकास शर्मा अप्रैल 2022 में प्रॉपर्टी कारोबार करने जयपुर आया था। एक रोज वह अपने दो दोस्तों के साथ घूम कर लौट रहा था। कालवाड़ रोड सुशांत सिटी के पास एक एक्सयूवी में सवार शिव भुलेरी, सचिन हरियाणा, कपिल शर्मा, दाना राम व अन्य ने उसकी क्रेटा कार पर फायर किया। डर कर तीनों नीचे उतरकर भागने लगे। विकास के दोनों दोस्त किसी घर में छुप गये, लेकिन विकास बदमाशों के हत्थे चढ़ गया।
बीकानेर के इन बदमाशों ने हथियार से दो और फायर कर 20 लाख रुपये मांगे और व्हाट्सएप कॉल से रोहित गोदारा और राजू बन्ना से बात कराई। जिन्होंने जल्दी पेमेंट के लिए उसे धमकाया। घबराकर विकास ने बीकानेर निवासी अपनी जानकार से इनकी गैंग के किसी सदस्य को पेमेंट करवा दिया। फिरौती मिलने के बाद दूसरी गाड़ी से बदमाश विकास को जोबनेर के पास गांव की रोड पर छोड़ गए। बदमाशों के डर से 1 साल तक पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। जब उसे पता चला कि इस गैंग के कई बदमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया है तब 10 मार्च 2023 को विकास ने थाना कालवाड़ में घटना के संबंध में रिपोर्ट दी।
विद्या प्रकाश ने बताया कि गैंगस्टर्स के बारे में आसूचना संकलित कर रही एजीटीएफ टीम के सहायक निरीक्षक बनवारी लाल के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल नरेंद्र कुमार को फिरौती मामले में वांछित चल रहे गैंग के वांछित सदस्य रामचंद्र डूडी के बारे में सूचना मिली कि यह जयपुर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में आया है। आसूचना की पुष्टि कर करधनी थाना इलाके में 206 बीघा के पास टीम ने आरोपी को पकड़ लिया।
गैंगस्टर रामचंद्र डूडी के विरुद्ध पूर्व में भी आर्म्स एक्ट, मारपीट, लूटपाट के तीन प्रकरण दर्ज हैं। इससे गैंग के सदस्यों तथा जयपुर किस वारदात को अंजाम देने आया है के बारे में गहनता से पूछताछ की जा रही है, जिसमें और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। इस संपूर्ण कार्रवाई में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।