जयपुर। भाजपा प्रदेश कार्यालय में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें ओपन चैलेंज दिया। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि भाजपा की सरकार मजबूत स्थिति में है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने 2 माह के कार्यकाल में प्रदेश की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक फैसले किए हैं। पूर्व सीएम गहलोत अपनी सरकार के 2 माह के कार्यकाल में किए गए कार्यों पर चर्चा करें! पूर्व सीएम गहलोत को कांग्रेस के जन घोषणा पत्र और भाजपा के संकल्प पत्र को लेकर जनता के समक्ष खुले मंच पर चर्चा करनी चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे।
ऐसे में पूर्व सीएम अशोक गहलोत द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर आरोप लगाना निराधार है, गहलोत के बयान उनकी मनोस्थिति को दर्शाता है। पूर्व सीएम गहलोत वस्तु स्थिति को ध्यान में रखकर बयान नहीं दे है, वे तो विधानसभा की हार से हताश होकर मजबूरी में मुख्यमंत्री या भाजपा पर आरोप लगाते है। गहलोत के राज में तो पावर को लेकर सचिन पायलट और उनकी लड़ाई ही चल रही थी। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत क्या बोलते हैं पता नहीं ? पहले भी सरकार को लेकर अनर्गल बयान दिया था।
भारतीय जनता पार्टी की मजबूत सरकार प्रदेश में काम कर रही है। भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादों पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक के बाद एक पूरा करने की दिशा में काम शुरू कर दिया। फिर चाहे वो ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, 450 रूपए में उज्जवला रसोई गैस योजना, पेपरलीक मामले में एसआईटी गठन, महिला अपराध रोकने की दिशा में एंटी रोमियों टास्क फोर्स का गठन, अपराधों पर लगाम लगाने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के गठन का मामला ही क्यों ना हो। मुख्यमंत्री ने जनहितों को ध्यान में रखते हुए महज 2 माह के कार्यकाल में इन पर ऐतिहासिक फैसले किए।
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि गहलोत कह रहे है कि ईडी का डर दिखाया जा रहा है, मैं गहलोत जी से पूछना चाहता हूं कि हिमाचल प्रदेश में तो उनके 40 विधायक थे, किसका डर दिखाया था वहाँ पर , कांग्रेस के अंदर खुद में असंतोष है। पूर्व सीएम गहलोत कांग्रेस में असंतोष का आंकलन भी नहीं कर पाते हैं। गहलोत अपने नेताओं पर कंट्रोल नहीं कर पाते और फिर दूसरों पर आरोप लगाते हैं। भारत के संविधान के तीन अंग है विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इन तीनों में समन्वय बेहतर होता है तभी शासन अच्छा आता है। हमारा गुड गवर्नेंस और डवलपमेंट देने का संकल्प है, हम उसी दिशा में कार्यरत है। गहलोत अपने शासन काल के 2 माह के कार्यों को देखें तो कुछ भी सामने नहीं आएगा।