जयपुर। 45 वर्षीय महेश (परिवर्तित नाम) को सोते वक्त बहुत तेज खर्राटे आते थे और सुबह उठने के बाद भी थकावट रहती थी। उन्हें नींद की इस कदर कमी थी की बाइक चलाते वक्त भी उन्हें झपकियां आने लगती थी। ऐसे में जब उन्होंने शहर के सी के बिरला हॉस्पिटल में डॉक्टर से परामर्श लिया तो सामने आया कि उन्हें नींद की गंभीर बीमारी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया है। हॉस्पिटल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. विजय शर्मा डॉ. राहुल नाहर और डॉ. शिवम शर्मा ने राजस्थान की पहली बार्बेड फारिंगोप्लास्टी स्लीप सर्जरी कर मरीज को इस गंभीर बीमारी से निजात दिलाई।
डॉ. शिवम् शर्मा ने बताया कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) नींद से जुड़ा एक ब्रीदिंग डिसऑर्डर है। इस बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति की नींद में सांस रुक जाती है और उसे पता भी नहीं चलता। नींद में सांस रुकने की ये समस्या कुछ सेकंड्स से लेकर कुछ मिनट मिनट तक हो सकती है। यह बीमारी ज्यादातर मोटे लोगों में होती है और सही जानकारी का आभाव होने के कारण अकसर इसका इलाज नहीं हो पाता।
स्थिति गंभीर होने के बाद इस बीमारी के कारण हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, अनियमित धड़कन, डायबिटीज, कैंसर, याददास्त का कमजोर होना ,सेक्सुअल डिस्फंक्शन, किडनी फेलियर एवं कार्डियोमायोपैथी जैसी बीमारियां हो सकती हैं जो मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। मरीज की नाक में मौजूद सेप्टम में खराबी थी। गले में टॉन्सिल थे और तालू बहुत कमजोर था। उनके लेटने पर तालू पीछे की ओर गिर जाता था जिसके कारण नींद में उनकी सांस रुक जाती थी एव उन्हें बहुत समस्या होती थी।
डॉ. राहुल नाहर ने जानकारी दी कि हमने ऑपरेशन का निर्णय लेने से पहले पेशेंट की स्लीप एंडोस्कोपी की। एनेस्थीसिया टीम की मदद से पेशेंट को दवाइयों द्वारा सामान्य निद्रा में लाया गया। इस दौरान जैसे ही पेशेंट की सांस में रुकावट आयी, और खर्राटों के साथ ऑक्सीजन लेवल नीचे गिरने लगा उसी समय नाक के रास्ते फ्लेक्सिबल एंडोस्कोपी कर जहा भी वायु मार्ग में रुकावट आ रही थी, का पता लगाया और किस लेवल पर ऑपरेशन करना है यह निर्णय लिया गया ।