जयपुर। दूदू कलेक्टर की ओर से पच्चीस लाख की रिश्वत मांगने की जांच कर रहे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह को सोमवार को एपीओ करने के आदेश जारी हुए। इस फैसले को लेकर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसीबी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि जल्द नया आईओ इस केस में लगा दिया जाएगा। सरकार ने यह फैसला किस बात को लेकर लिया।
वही अच्छी तरह से बता सकती हैं। उन्होंने कार्रवाई का कारण बताने से इनकार कर दिया। एसीबी की एफआईआर में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि सूचना लीक नहीं हुई होती तो कलेक्टर रंगे हाथ पकड़े जाता। बता दें कि एसीबी के पास एक करोड़ का फंड मौजूद रहता है। वहीं, एसीबी के पास ट्रैप के लिए डमी नोट भी हैं।
सरकार ने यह पैसा इसलिए दिया हुआ है कि अगर परिवादी के पास पैसा न हो तो एसीबी उसका इस्तेमाल कर सके। एसीबी के अधिकारियों ने इस पैसे का इस्तेमाल क्यों नहीं किया। इस पर कोई भी अधिकारी जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में सरकार की ओर से इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए एडिशनल एसपी को एपीओ किया गया।
गौरतलब है कि एसीबी ने दूदू जिला कलेक्टर और पटवारी पर रिश्वत मांगने को लेकर केस दर्ज किया था। इस केस में एसीबी ने शुक्रवार देर रात छापा मारा। एसीबी का दावा है कि सत्यापन के दौरान सौदा 15 लाख में तय हुआ था। 15 अप्रैल को कलेक्टर ने साढ़े सात लाख रुपए डाक बंगले पर मंगवाए थे। लेकिन रुपयों का इंतजाम नहीं होने पर परिवादी ने समय मांगा।
इस पर कलेक्टर ने सहमति दे दी। इसके बाद एसीबी ने पीसी एक्ट के तहत केस दर्ज कर डाक बंगले,तहसील कार्यालय पर छापा मारा और सर्च में संबंधित दस्तावेज जब्त किए। गौरतलब है कि परिवादी ने इस संबंध में एसीबी में शिकायत की थी कि दूदू कलेक्टर व पटवारी भूमि कन्वर्जन के नाम पर 25 लाख की डिमांड कर रहे हैं।