जयपुर। विप्र समाज के आराध्य देव भगवान परशुराम जी के अक्षय तृतीया 10 मई को मनाए जाने वाले जन्मोत्सव के अंर्तगत रविवार को राजधानी में अनेक आयोजन हुए। विद्याधर नगर के भगवान परशुराम सर्किल पर सुबह विशाल प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक किया गया। ब्राह्मण समाज के गणमान्य लोगों ने पूजा अर्चना कर जमदग्नि पुत्र चिरंजीवी भगवान परशुराम के जन्मोत्सव का विधिवत निमंत्रित किया। इस मौके पर सर्किल जयकारों से गुंजायमान हो उठा। उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन किया।
इससे पूर्व रामेश्वर धाम मुरलीपुरा के गौड विप्र समाज भवन में श्री परशुराम गायत्री महायज्ञ किया गया। व्यासपीठ से मनु महाराज और उमाशंकर ने भगवान परशुराम का भावभरा आह्वान करा कर सोडसोपचार पूजन करवाया। गायत्री एवं महामृत्युंजय मंत्र के साथ आहुतियां अर्पित करने के बाद ‘ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुरामः प्रचोदयात् के साथ विशेष आहुतियां अर्पित करवाई। मनु महाराज ने कहा कि भगवान विष्णु के दशावतार में छठे अवतार भगवान परशुराम माने जाते हैं।
क्रोध और दानशीलता में उनका कोई सानी नहीं है। शस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता सिर्फ और सिर्फ भगवान परशुराम ही माने जाते हैं। भगवान शिव ने उन्हें मृत्युलोक के कल्याणार्थ परशु अस्त्र प्रदान किया जिससे वे परशुराम कहलाए। वे परम शिवभक्त थे।
उन्होंने सहस्रार्जुन की इहलीला समाप्त कर दी। प्रायश्चित के लिए सभी तीर्थों में तपस्या की। गणेशजी को एकदंत करने वाले भी परशुराम थे। उनकी दानशीलता ऐसी थी कि समस्त पृथ्वी ही ऋषि कश्यप को दान कर दी। उनके शिष्यत्व का लाभ दानवीर कर्ण ही ले पाए जिसे उन्होंने ब्रह्मास्त्र की दीक्षा दी। हवन के बाद सभी को परिंडे वितरित किए गए।
तैयारी को दिया अंतिम रूप
रविवार शाम को मुरलीपुरा के गौड विप्र समाज भवन में ब्राह्मण समाज की बैठक हुई। इसमें शोभायात्रा और महाआरती की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। विद्याधर नगर के परशुराम सर्किल से शाम 6 बजे सैंकड़ों दीपों से महाआरती के साथ निकाले जाने वाली भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा में झांकी, हाथी, ऊंट, घोड़े, बैंड का लवाजमा रहेगा। ब्राह्मण समाज के युवा वाहन रैली के रूप में साथ चलेंगे। वहीं मातृ शक्ति एक ही वेश भूषा में मंगल गीत गाती हुईं चलेंगी।
अल्का सिनेमा, रोड नम्बर दो, लाल डिब्बा चौराहा, मुरलीपुरा सर्किल , केडिया पैलेस चौराहा होते हुए गौड विप्र समाज भवन में पहुंचेगी। जगह-जगह शोभायात्रा का पुष्प वर्षा और आरती उतार कर स्वागत किया जाएगा। रंगीन आतिशबाजी आकर्षण का केंद्र रहेगी। गौड विप्र समाज भवन में सैंकड़ों दीपकों से भगवान परशुराम जी की आरती उतारी जाएगी।