जयपुर। चांदपोल बाजार के खजाने वालों का रास्ता स्थित बद्रीनाथजी का मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का गुरुवार को विश्राम हुआ। शुक संप्रदायाचार्य अलबेली माधुरी शरण महाराज के कृपा पात्र शिष्य व्यासपीठ से डॉ. प्रशांत शर्मा ने नव योगेश्वर संवाद, सुदामा चरित्र, कलियुग वर्णन, 24 गुरुओं की कथा, परीक्षित मोक्ष की कथा का श्रवण करवाया।
डॉ. प्रशांत शर्मा ने सुदामा चरित्र की कथा में कहा कि धन और पद जैसे-जैसे बढ़ता है व्यक्ति अभिमान करने लगता है। अभिमान भक्त को भगवान से दूर कर देता है। भगवान भक्त को अपने से दूर नहीं रहने देना चाहते हैं। उसमें अभिमान नहीं आए इसलिए भक्त को ज्यादा धन भी नहीं देते। भगवान की लीलाओं के प्रसंग में उन्होंने कहा कि भगवान समय-सयम पर भक्तों के उद्धार के लिए लीलाएं रचते हैं।
उनका उद्देश्य भक्त का कल्याण करना मात्र है। सुदामा प्रसंग में सजीव लीला का मंचन किया गया। प्रारंभ में कथा आयोजक नंद किशोर शर्मा ने प्रारंभ में भागवत जी की आरती उतारी। धर्म प्रचारक विजय शंकर पांडेय ने बताया कि दस मई को सुबह नौ बजे से पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की टोली यज्ञ संपन्न करवाएगी।