जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जल जीवन मिशन घोटाले के मामले में पीएचईडी ठेकेदार पदमचंद जैन को गिरफ्तार कर शुक्रवार सुबह ठेकेदार पदमचंद जैन को कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने पदमचंद जैन को पांच दिन का पुलिस रिमांड सौंपा दिया है। ईडी की टीम पदमचंद जैन के बेटे पीयूष जैन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
ईडी से मिली जानकारी के अनुसार ईडी की टीम अब बाप-बेटे को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी। इस पूछताछ में अहम खुलासे होने के साथ मामले में कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही इस मामले की जांच ईडी के साथ एसीबी और सीबीआई भी कर रही है।
गौरतलब है कि ईडी की टीम ने गुरुवार देर रात पीएचईडी ठेकेदार पदमचंद जैन के घर पर दबिश दी। ईडी के अधिकारियों ने पदमचंद जैन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। घंटो की पूछताछ के बाद पदमचंद जैन को गिरफ्तार किया था। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम राजस्थान के पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी के साथ उनके विशेषाधिकारी संजय अग्रवाल और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी हैं।
ज्ञात रहे पीएचईडी विभाग में अलवर के बहरोड़ में पोस्टेड एक्सईएन मायालाल सैनी, नीमराणा में पोस्टेड जेईएन प्रदीप के साथ रिश्वत देने वाले ठेकेदार पदमचंद जैन और कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह को एसीबी टीम ने सात अगस्त को गिरफ्तार किया था। इनके साथ एक दलाल प्रवीण कुमार को भी पकड़ा गया था। एसीबी ने इनके पास से 2.90 लाख रुपए कैश जब्त किया था।
सभी बहरोड़ से जयपुर के होटल पोलो विक्ट्री पहुंचे हुए थे। घूस का पैसा लेकर जाने लगे तो पीछा कर चौमूं पुलिया के पास घेर कर पकड़ लिया। कार में बैठे बहरोड़ एईएन राकेश चौहान की भूमिका सामने आने के बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया था। ठेकेदार पदमचंद जैन की फर्म श्याम ट्यूबवेल कंपनी है और महेश मित्तल की फर्म गणपति ट्यूबवेल है।
पदमचंद जैन और महेश मित्तल आपस में जीजा-साला हैं। जल जीवन मिशन (जेजेएम) में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र लगा कर दोनों कंपनियों पर जयपुर रीजन प्रथम व द्वितीय के इंजीनियरों से मिलीभगत कर 900 करोड़ के टेंडर लेने का आरोप है। सितम्बर-2023 में एसीबी ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर टेंडर हासिल करने के आरोप में श्याम ट्यूबवेल, गणपति ट्यूबवेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।