जयपुर। पुलिस अजमेर हाई सिक्योटरी जेल में आनंदपाल और लॉरेंस गैंग के हार्डकोर गुर्गों पर लगातार शिकंजा कसती जा रही है । जयपुर पुलिस की जांच में सामने आया था कि जेल से सिग्नल एप के जरिए ये बदमाश रंगदारी के लिए धमकी भरे कॉल कर रहे थे। ऐसे में जेल प्रहरियों और अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। वैशाली और चित्रकुट नगर थाना पुलिस अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से चल रहे रंगदारी में जुड़े बदमाशों के साथ जेल प्रहरी-अधिकारियों की भूमिका की जांच में जुटी है।
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि जांच में सामने आया कि अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद बड़े गैंगस्टर और बदमाश सिग्नल एप से कॉल कर रहे थे। जेल से ही ये गैंग को ऑपरेट कर रहे थे। कॉल कर वे अपने गुर्गों से हथियार और वाहनों की व्यवस्था करा रहे थे। हाई सिक्योरिटी जेल में बंद गैंगस्टर्स के पास सुविधाओं के लिए पैसों नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में ये गुर्गों को रंगदारी की वसूली का टारगेट दे रहे हैं।
इन बदमाशों के पास कॉल करने के लिए साधन कहां से मिल रहे हैं, इसकी जांच के लिए जेल प्रशासन को भी घेरे में लिया गया है। वैशाली नगर थाना पुलिस ने बदमाश सोनू सिंह को अरेस्ट किया था। सोनू को देसी कट्टे और कारसूत के साथ पकड़ा था। सोनू से शेखावटी में रंगदारी की धमकियों को लेकर इनपुट मिले। इसके बाद सोनू के 5 साथियों लोकेश साहू उर्फ मोदी (27) निवासी कुण्डेरा सवाई माधोपुर, गिरधारी मान (24) निवासी अमरसर शाहपुरा, हंसराज गुर्जर (19) निवासी गोकुलपुरा सीकर, जयसिंह (30) निवासी अराई अजमेर और कुलदीप वैष्णव (24) निवासी किशनगढ़ अजमेर को अरेस्ट किया गया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो पिस्तौल और 6 कारतूस बरामद किए।
पूछताछ में सामने आया कि रंगदारी के लिए गैंग ने शेखावटी के शराब और माइंस कारोबारियों की लिस्ट बनाई है। जयपुर पुलिस ने कार्रवाई की तो टारगेट मिस हुए। अगर पुलिस इन बदमाशों को गिरफ्तार नहीं करती तो अब तक करोड़ों रुपए की रंगदारी वसूली जा चुकी होती।