October 18, 2024, 11:55 am
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स्मार्ट फोन के लॉक तोड़ने के साथ उनके आईईएमआई नंबर को बदलने वाली गैंग चढी पुलिस के हत्थे

जयपुर। कोतवाली थाना पुलिस ने स्मार्ट फोन के लॉक तोड़ने के साथ उनके आईईएमआई नंबर को बदलने वाली गैंग को चार सदस्यों को पकड़ा है। पुलिस की प्रारम्भिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपित उन फोन के नंबर को क्रेक करते थे, जो ग्राहक किश्त पर लिए फोन लेते थे। पुलिस जानकारी में सामने आया कि यह लोग कबाड़ और एक्सचेंज वाले फोन से ये सारा डाटा चुराते थे।

पुलिस उपायुक्त जयपुर (उत्तर) राशि डोगरा डूडी ने बताया कि कोतवाली पुलिस ने रायसर प्लाजा में कार्रवाई करते स्मार्ट फोन के लॉक तोड़ने के साथ उनके आईईएमआई नंबर को बदलने वाली गैंग के अतुल गुप्ता (36) निवासी सूर्यनगर गोपालपुरा महेश नगर, लोकेश गर्ग उर्फ लालू (30) निवासी महावीर कॉलोनी विस्तार करतारपुरा महेश नगर हाल मांग्यावास मानसरोवर, गौतम सैनी उर्फ गोलू (38) निवासी रविन्द्र नगर जगतपुरा प्रतापनगर और महेश मुरजानी (53) निवासी सेक्टर-16 प्रताप नगर को गिरफ्तार किया है।

चारों आरोपी रायसर प्लाजा में दुकान चलाते थे और इन लोगों ने आस-पास ग्रामीण इलाकों में भी अपना नेटवर्क फैला रखा था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कम्प्यूटर, डेस्कटाप, लॉक तोड़ने और आईईएमआई नंबर क्रेक करने का सॉफ्टवेयर डिवाइस और 250 से ज्यादा मोबाइल जब्त किए है। पुलिस को आरोपियों के कब्जे से करीब 100 से अधिक बदले गए मोबाइल के आईईएमआई नंबर का रिकॉर्ड ट्रेस आउट भी मिले है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जो ग्राहक किश्त पर फोन लेते है और समय पर वे उसे चुका नहीं पाते हैं तो उनका फोन लॉक हो जाता है।

ऐसे में ये लोग कम्प्यूटर सिस्टम से मोबबाइल का लॉक तोड़ देते और फिर आईईएमआई नंबर बदल देते थे। इससे पहले कोतवाली थाना पुलिस को सूचना मिली कि रायसर प्लाजा में कुछ शॉपकीपर मोबाइल लॉक-अनलॉक करने और आईईएमआई नंबर क्रेक करने का काम कर रहते है। कोतवाली पुलिस ने डीएसटी नॉर्थ के साथ मिलकर रायसर प्लाजा में छापेमारी की। इनके पास कम्प्यूटर सिस्टम में (यूएमटी टूल, एमटीके-2, नया एएमटी, अनलॉक टूल-2, बोर्नियो, जेड डब्यू एक्स) सॉफ्टवेयर इंस्टॉल था। जबकि 20-25 हजार रुपए कीमत का हार्डवेयर डिवाइस (हार्डवेयर टूल यूएफएस,यूएफआई,ईएएसवाई जेटीएजी) का यूज करते थे।

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के जरिए ये पूरा काम होता था। आरोपियों ने बताया कि जिस मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदलना होता उसे पहले कंप्यूटर से कनेक्ट करते थे। कम्प्यूटर से कनेक्ट करने के बाद इन सॉफ्टवेयर के जरिए पूरे फोन को रिस्टोर कर देते थे। इसके बाद जब इसमें मोबाइल की डिटेल मांगी जाती तो मॉडल नंबर और दूसरी जानकारी तो उसी फोन की रखते थे। लेकिन,जब प्डम्प् नंबर सॉफ्टवेयर मांगता तो ये किसी पुराने कबाड़ हुए या फिर एक्सचेंट में आए फोन के आईईएमआइ नंबर डाल कर उसे अपडेट कर देते थे।

पुलिस ने चारों आरोपियों की दुकान से बड़ी संख्या में पुराने मोबाइल भी बरामद किए है। इनके पास एक रजिस्टर भी मिला है। इसमें सौ आईएमईआई नंबर की डिटेल है, जिन्हें दूसरे मोबाइल के लॉक तोड़ अपडेट किया गया है। इसके अलावा ये लोग खराब हो चुके की-पेड और स्मार्ट फोन भी अपने पास रखते थे। आरोपियों ने जयपुर और जयपुर ग्रामीण में भी अपने कस्टमर बना रखे थे।

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