जयपुर। मानसरोवर थाना इलाके में फर्जी मार्कशीट के चलते एक युवक को सरकारी नौकरी गवानी पड़ गई। पीडित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच अधिकारी एसआई शिवचरण लाल ने बताया कि चारभुजा (राजसमंद) निवासी सुगन राम भील ने मामला दर्ज करवाया कि साल 2017 में उसके दोस्तों ने ओपन बोर्ड से 10वीं एग्जाम पास की थी। दोस्तों ने उसको ओपन बोर्ड से एग्जाम करवाने वाले नितिन कुमार गौड़ के मोबाइल नंबर दिए।
जयपुर आकर नितिन कुमार से सम्पर्क करने पर उसने बताया कि स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल एग्जामिनेशन तमिलनाडु से उसने मान्यता प्राप्त कर रखी है। 10वीं, 12वीं, बीकॉम, बीएससी, बीबीए समेत विभिन्न कोर्स ओपन बोर्ड और ओपन यूनिवसिर्टी से करवाता है। ओपन बोर्ड से 10वीं करवाने के लिए सहमति जताई।
नितिन कुमार को 15 हजार 500 रुपए एडमिशन एवं एग्जाम फीस के लिए दिए। परमिशन लेटर मिलने पर साल-2018 में लिखित एग्जाम दिए। रिजल्ट आने पर पास होना बताया। अपना रिजल्ट तमिलनाडु बोर्ड डॉट ओआरजी पर चेक किया तो पास दिखाया। रिजल्ट के कुछ समय बाद ओरिजिनल मार्कशीट और 10वीं क्लास पास होने का सर्टिफिकेट दे दिया। 10वीं पास होने के बाद कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी करने लगा। साल-2022 में डाक विभाग की शाखा में डाकपाल के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया। डाकपाल के पद पर चयन हो गया।
डाक विभाग की ओर से डॉक्यूमेंट वेरी फैशन के लिए स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल एग्जामिनेशन तमिलनाडु भेजे। बोर्ड की तरफ से मार्कशीट जारी नहीं होना बताया। इस बारे में नितिन से सम्पर्क करने पर उसने बोर्ड से कांटेक्ट करने की बात कहकर फोन बंद कर दिया। फर्जी मार्कशीट के कारण उसने सरकारी नौकरी खो दी।