जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने तीन जून को राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन में रिश्वतखोरी के खेल का खुलासा किया था। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आरएसआरडीसी के एमडी सुधीर माथुर और चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर आरके लूथरा को रिश्वतखोरी के खेल में संदिग्ध भूमिका के चलते जांच के दायरे में लिया है। इन दोनों से एसीबी लगातार पूछताछ में जुटी है। दोनों से एसीबी बुधवार को एसीबी मुख्यालय पर फिर से पूछताछ करेगी।
भ्रष्टाचार में नाम सामने आने के बाद एसीबी ने जून माह में एमडी सुधीर माथुर और चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर आरके लूथरा के आवास सहित अन्य ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया था। दोनों ही जगह सर्च में टीम को कोई खास संपत्ति नहीं मिली थी इस मामले में एसीबी दोनों प्रोजेक्ट डायरेक्टर सियाराम, लक्ष्मण सिंह और सेवानिवृत्त लेखाधिकारी महेश चंद गुप्ता को गिरफ्तार कर पूछताछ कर चुकी है। एसीबी ने आरएसआरडीसी घूसकांड के मुख्य सरगना आरोपी सेवानिवृत्त सहायक लेखाधिकारी और संविदाकर्मी महेश चंद गुप्ता का फोन सर्विलांस पर लिया था।
फोन रिकॉर्डिंग सुनी को इस घूसकांड की जानकारी सामने आई थी। चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर आरोपी आरके लूथरा ने अपना आलीशान बंगला बना रखा है। लूथरा के परिजन और महिलाओं के नाम तीन बैंक लॉकर होने की जानकारी सामने आई थी।
गौरतलब है कि एसीबी ने झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित आरएसआरडीसी दफ्तर में दबिश देकर घूसखोरी के खेल में लिप्त धौलपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सियाराम चंद्रावत, भरतपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर लक्ष्मण सिंह सहित महकमे और पीड़ितों के बीच दलाल की भूमिका निभाने वाले संविदाकर्मी रिटायर्ड लेखाधिकारी महेश चंद गुप्ता को गिरफ्तार था।
ब्यूरो ने इनके बीच 1 लाख 20 हजार रुपए की रिश्वत का खुलासा किया, जबकि तलाशी के समय इनके पास 1 लाख 11 हजार रुपए के संदिग्ध राशि बरामद हुई। ब्यूरो ने रिटायर्ड लेखाधिकारी महेश चंद गुप्ता के जगतपुरा स्थित घर से 92 लाख रुपए नकद, नोट गिनने की मशीन, ज्वेलरी और बेनामी संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए। धौलपुर प्रोजेक्ट डायरेक्टर सियाराम चंद्रावत के घर से एसीबी ने 32 लाख रुपए और जमीनों की दस्तावेज जब्त किए थे।
घूस का खेल जिलों में अलग-अलग निर्माण कार्य परियोजना निदेशकों और ठेकेदारों की मिलीभगत से बजट आवंटन और बिल भुगतान करने के एवज में आरएसआरडीसी के मुख्य प्रबंधक सुधीर माथुर के नाम से चल रहा था। एसीबी को सड़क प्रोजेक्ट बिल पास करवाने और बजट आवंटन को लेकर घूसखोरी के इनपुट मिले तो आरोपियों के मोबाइल सर्विलांस पर लिए गए। दोनों प्रोजेक्टर डायरेक्टर रिश्वत के 1 लाख 20 हजार रुपए लेकर संविदाकर्मी महेश के पास पहुंचे तो टीम ने रेड मारी थी।