जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने प्रदेश की भाजपा सरकार के पहले पूर्ण बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जनता को सरकार से उम्मीद थी कि प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए बजट में कोई ठोस कदम उठाये जायेंगे । परन्तु प्रस्तुत बजट से प्रदेश की जनता को विशेषकर मध्यम वर्ग, किसान, युवाओं को निराशा ही हाथ लगी है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के बाद देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर वाले राजस्थान की बेरोजगारी दर को कम करने का सरकार द्वारा बजट में कोई रोड़मैप प्रस्तुत नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को बेरोजगारी को कम करने के लिए अगले पांच सालों में 4 लाख भर्तियां करने का संकल्प मात्र लेने के स्थान पर इसके लिए ठोस कार्य योजना प्रस्तुत करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी भत्ते पर बजट में चुप्पी साध ली गई है जिससे सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में महंगाई को कम करने के लिए भी बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई को कम के लिए कोई काम नहीं किया गया है। केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद पेट्रोल, डीजल, केरोसिन के दामों को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
पायलट ने कहा कि ईआरसीपी के प्रथम फेज के कार्य आदेश क्या भारत सरकार द्वारा दोनों राज्यों की सहमति और राष्ट्रीय परियोजना घोषित हुए बिना तथा केंद्र से 90 प्रतिशत फंडिंग के बिना कर दिए। केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि का बजट भाषण में कोई उल्लेख नहीं है और न ही यह उल्लेख है कि ईआरसीपी और यमुना परियोजना के लिए केंद्र सरकार से इस वर्ष क्या सहयोग मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों पर कर्ज का बार बार उल्लेख किया गया है, लेकिन भाजपा सरकार इस कर्ज को किस तरह कम करेगी इसका कोई रोडमैप बजट में नहीं रखा गया है। नए उद्योग हब बनाए जाने के साथ साथ वर्तमान एमएसएमई उद्योगों को घाटे से बाहर लाने के लिए कोई दृष्टिकोण प्रस्तुत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जिन बड़ी योजनाओं की घोषणाएं की गई हैं, उनमें से अधिकतर योजनाओं पर इस वर्ष बहुत कम व्यय होना दिखाई देता है।