जयपुर। आषाढ़ माह की पूर्णिमा, 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाई जाएगी। कई शुभ और विशेष संयोग होने के कारण छोटीकाशी में धार्मिक आयोजनों की धूम रहेगी। मंदिरों में ठाकुरजी की धवल झांकी सजाई जाएगी। आराध्य देव गोविंददेवजी मंदिर में मंगला झांकी सुबह 4:45 से 5:15 बजे तक रहेगी। ठाकुरजी को धवल पोशाक धारण कराकर सफेद पुष्पों से श्रृंगार किया जाएगा।
आषाढ़ पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, इस कारण इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मंदिरों में वेदव्यास महाराज का पूजन किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई शनिवार को शाम 5:59 मिनट पर शुरू हो गई। पूर्णिमा 21 जुलाई, रविवार को अपराह्न 3: 46 मिनट तक रहेगी।
इस बार गुरु पूर्णिमा पर कई शुभ योग का महासंयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:37 मिनट पर शुरू होगा। वहीं, इसका समापन मध्य रात्रि 12:14 मिनट पर होगा। इसके साथ ही उत्तराषाढ नक्षत्र भौर से लेकर मध्य रात्रि 12:14 मिनट तक रहेगा। साथ ही श्रवण नक्षत्र और प्रीति योग का भी निर्माण होगा। इसके अलावा विष्कंभ योग सुबह से लेकर रात्रि 9:11 मिनट तक रहेगा। अमृत योग 21 जुलाई को शाम 6.40 बजे तक रहेगा। वहीं प्रीति योग पूर्णिमा से अगले दिन 22 जुलाई शाम 5.58 बजे तक रहेगा।