जयपुर। तीर्थ नगरी गलता जी में गद्दी को लेकर दो दिन पूर्व उपजे विवाद को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने इसके प्रबंधन और मॉनिटरिंग के लिए जयपुर कलेक्टर को प्रशासन नियुक्त किया है। देवस्थान विभाग से जारी आदेशों में मंदिर ठिकाना गलता जी की समस्त संपत्तियों देखरेख व संचालन बुधवार से कलेक्टर की निगरानी में किया जाएगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद गलता जी के महंत अवधेशाचार्य की नियुक्ति को अवैध करार दिया था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मंदिर और पीठ की समस्त सम्पत्तियों का संचालन एव प्रबंधन राज्य सरकार एवं देवस्थान विभाग को करने के आदेश जारी किए थे।
गौरतलब है कि गद्दी विवाद को लेकर 16 साल पहले भी इसी तरह का मामला सामने आया था। लेकिन हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मामला कुछ सालों तक शांत रहा।
देवस्थान विभाग पहुंचा गलता जी
हाईकोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को देवस्थान विभाग गलता जी पहुंचा । इस मौके पर देवस्थान विभाग की टीम के साथ पुलिस के आलाधिकारी भी मौजूद रहे। आपसी समझाईश के बाद देवस्थान विभाग की सम्पूर्ण कार्रवाई शांति पूर्वक संपन्न हुई। जो बुधवार देर शाम तक जारी रही ।
दान-पात्र खोलकर संभाली नकदी
गलता जी पहुंच देवस्थान विभाग ने वहां मौजूद सभी मंदिरों के पुजारियों से बातचीत करते हुए सभी के वेतन और मंदिर प्रशासन से मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की। जिसके बाद देवस्थान विभाग के आला अधिकारियों दान-पात्र और उसके मौजूद सभी नगदी को अपने कब्जे में ले लिया।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन्हे किया रिसीवर नियुक्त
अब गलताजी की संपत्तियों का प्रबंधन और संचालन प्रशासक के जिम्मा एडीएम राजकुमार कस्वां, एसडीएम राजेश जाखड़, तहसीलदार पुष्पेंद्र को सौपा गया है। इसके साथ राज्य सरकार ने जयपुर कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया है। वही गलता पीठ के महंत पद पर अवधेशार्य की नियुक्ति रद्द की है। इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने प्रबंधन और संचालन के लिए कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में एडीएम, एसडीएम ,तहसीलदार ,सहायक आयुक्त को कमेटी में शामिल किया है।
राज्य सरकार का बोर्ड लगा की चस्पा कार्रवाई
हाईकोर्ट के आदेश मिलने के बाद देवस्थान विभाग ने पुलिस के आलाधिकारी व कलेक्टर सहित एसडीएम ,एडीएम ,तहसीलदार व गठित कमेटी के सदस्यों के बीच गलता तीर्थ में राज्य सरकार का बोर्ड लगाकर चस्पा कार्रवाई को अंजाम दिया।