जयपुर। आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में श्रावण कृष्ण एकादशी,एक अगस्त से झूला महोत्सव शुरू होगा जो कि रक्षाबंधन तक चलेगा। ठाकुरजी राधा रानी संग रियासतकालीन चांदी का झूला झुलेंगे। ठाकुर जी को लहरिया और जामा पोशाक धारण करवाई जाएगी। मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि अभी ठाकुरजी ध्वज पताका आसन पर विराजमान है।
श्रावण कृष्ण एकादशी, एक अगस्त से झूले के आसन पर विराजमान होंगे। रियासतकालीन यह झूला बहुत भारी और कलात्मक है। सांगवान की लकड़ी पर चांदी का पतड़ा चढ़ाया हुआ है। इसके अलग-अलग हिस्से जिन्हें एक किया जा सकता है। सावन माह में ठाकुरजी को लहरिया पोशाक धारण कराई जाएगी।
सिंजारा, तीज और रक्षाबंधन पर विशेष उत्सव होंगे। ठाकुरजी को झूला झूलाया जाएगा और घेवर का भोग लगाया जाएगा।
सरस निकुंज में प्रतिदिन होगा पदयायन
उधर,सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में भी झूला महोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि सिंजारा पूजन से रक्षाबंधन तक प्रतिदिन झूला महोत्सव के पदों का गायन किया जाएगा। शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में वैष्णव भक्त विशेष अवसरों पर उत्सव मनाएंगे।