जयपुर। एमआई रोड स्थित अमरापुर दरबार में स्वामी सर्वानंद महाराज का 47वां महानिर्वाण वर्षी उत्सव का समापन 10 अगस्त को किया जाएगा। वर्षी उत्सव के तीसरे दिन गुरुवार को संतो ने बताया कि संतों ने बताया कि महापुरुषों का जन्म दिव्य एवं दुर्लभ होता है, महापुरुष संसार में जन्म नहीं अवतार लेकर धरा पर अवतरित होते हैं। महापुरुष कमल पुष्प की भांति होते है जिस प्रकार कमल पुष्प जल में रह कर भी उस की गहराई में नहीं जाता है उसी प्रकार संत महात्मा संसार में रहते हुए संसार की गहराई में नहीं जाते है।
संत महात्माओं का कार्य जीव मात्र को सही मार्ग पर लाकर उसका कल्याण करना है। सतगुरु स्वामी सर्वानंद महाराज के प्रवचन कैसेट के अंतर्गत स्वामी जी यही शिक्षा देते हैं कि ए मेरे मन कम बोल, मीठा बोल , कड़वा कभी भी मत बोल किसी का दिल मत दिखाओ । नेत्र को जगाओ और उनसे भगवान, संतो महापुरुषों का दर्शन करो । स्वामी जी अपने प्रवचन के अंतर्गत बताते हैं कि संत जगत में आते हैं जगतारण के लिए ।
जगत के उत्थान के लिए संत महापुरुषों का जन्म होता है उनके उपदेश एवं शिक्षाओं की अनुपालना कर के यह लोक परलोक सफल कर सकते हैं। स्वामी मनोहर लाल महाराज, संत मोनूराम महाराज, संत नवीन, संत हरीश, आदि संतों ने भजन संकीर्तन सत्संग किया है। संतों ने बताया कि शनिवार 10 अगस्त महा निर्वाण उत्सव पुण्यतिथि के उपलक्ष में प्रातः संत महात्माओं का सत्संग,पाठों का भोग पारायण एवं विशाल आम भंडारे का आयोजन होगा । इसी के साथ होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया जाएगा।