जयपुर। कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल आरोपित मोहम्मद जावेद को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने जमानत की अर्जी पर सुनवाई कर कहा कि एनआईए ने केवल कॉल डिटेल के आधार पर आरोपित को गिरफ्तार किया है। एनआईए आरोपित की लोकेशन साबित नहीं कर पाई है। इसके अलावा आरोपित से किसी तरह की रिकवरी भी नहीं हुई है।
लंबे समय से वह जेल में है और ट्रायल लंबा चलेगा, ऐसे में उसे जमानत दी जाती है। 11 आरोपितो में से जावेद पर मोहम्मद रियाज अत्तारी के साथ मिलकर योजना बनाने का आरोप है। एनआईए कोर्ट से 31 अगस्त 2023 को जमानत खारिज होने के बाद आरोपित ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट में जमानत पर बहस में जावेद के वकील सैयद सआदत अली ने कहा कि एनआईए कह रही है कि जावेद ने इंडियाना टी-स्टॉल पर बैठकर कन्हैयालाल की हत्या की योजना बनाई थी, लेकिन टी-स्टॉल के मालिक धर्मेंद्र साहू ने जावेद के उस दिन वहां आने की बात कन्फर्म ही नहीं की। एनआईए का यह भी कहना है कि जावेद ने कन्हैयालाल की रेकी करके रियाज को बताया था, लेकिन दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से यह बात साबित होती है कि जावेद कन्हैयालाल की दुकान पर गया ही नहीं।
एनआईए के अनुसार रियाज (मुख्य आरोपित) के पास जावेद का कॉल आया था, जबकि जावेद ने कभी रियाज को कॉल किया ही नहीं। उसके मोबाइल में रियाज का नंबर भी सेव नहीं था। वह चूड़े की दुकान पर सेल्समैन का काम करता था। दिनभर उसे ग्राहकों के फोन आते थे।
एनआईए की ओर से वकील टीपी शर्मा ने अदालत में कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल सभी आरोपित एक-दूसरे को जानते हैं। इन सभी ने मिलकर कन्हैयालाल हत्याकांड की साजिश की थी। आरोपियों की कॉल डिटेल से साबित होता है कि सभी एक-दूसरे से फोन के जरिए संपर्क पर थे। हमारे गवाह जीशान ने भी कन्फर्म किया है कि घटना से पहले रियाज और जावेद टी-स्टॉल पर मिले थे।
इसके साथ ही आरोपित ने भी अपने स्टेटमेंट में इस बात को स्वीकार किया है। इस पर कोर्ट ने एनआईए द्वारा लिए गए स्टेटमेंट को लेकर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा- एनआईए ने सारे स्टेटमेंट अंग्रेजी में लिखे हैं। आरोपित ने जिस भाषा में स्टेटमेंट दिए, उस भाषा में उसे क्यों नहीं लिखा गया।
एक आरोपित को पहले मिल चुकी है जमानत
मोहम्मद जावेद से पहले इस मामले में एक अन्य आरोपित फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को एनआईए कोर्ट ने 1 सितंबर 2023 को जमानत दी थी। फरहाद पर एनआईए ने आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया था। जमानत देते समय कोर्ट ने कहा था कि आरोपित पर केवल आर्म्स एक्ट का आरोप है। उसके पास से तलवार बरामद हुई है या नहीं, तलवार भोंटी थी या धारदार। इसका फैसला जमानत के स्तर पर नहीं किया जा सकता है। आरोपित जुलाई 2022 से जेल में है, ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाता है।
गौरतलब है कि 28 जून 2022 को कन्हैयालाल की मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से गला काटकर हत्या कर दी थी। कन्हैयालाल की हत्या के मामले में एनआईए ने पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहिम को फरार बताते हुए मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी सहित 11 आरोपियों मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम मोहम्मद के खिलाफ चालान पेश किया था। एनआईए की विशेष अदालत ने 9 फरवरी 2023 को हत्या,आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षड्यंत्र सहित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और आर्म्स एक्ट में प्रसंज्ञान लिया था।