January 15, 2025, 2:45 pm
spot_imgspot_img

फर्जी तरीके से वाहनों के रजिस्ट्रेशन करने वाले संगठित अन्तर्राज्यीय गिरोह के खिलाफ एटीएस का एक्शन

जयपुर। फर्जी तरीके से वाहनों के रजिस्ट्रेशन कर उनकों राजस्थान में बेचने के वाले गिरोह के खिलाफ एटीएस ने कार्रवाई की है। एटीएस ने नॉर्थ-ईस्ट राज्यों के वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन कर राजस्थान में ट्रांसफर किए गए 21 वाहनों को जब्त किया गया है।

एटीएस एवं एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस को गोपनीय सूचना मिली कि अन्तर्राज्यीय गिरोह द्वारा चोरी एवं फाइनेंस के वाहनों का मणिपुर एवं अरूणाचल प्रदेश राज्य के परिवहन कार्यालयों से फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बनवाकर उक्त रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के आधार पर राजस्थान के परिवहन कार्यालयों से भी फर्जी तरीके से राजस्थान के रजिस्ट्रेशन नम्बर प्राप्त कर वाहनों को बेच रहे हैं।

सूचना में मणिपुर व अरूणाचल प्रदेश के कुछ वाहनों के रजिस्ट्रेशन नम्बरों का राजस्थान के रजिस्ट्रेशन नम्बरों पर स्थानान्तरण किया गया है। उक्त आसूचना पर कार्यवाही करने के लिए महानिरीक्षक पुलिस एटीएस अंशुमन भौमिया के निर्देशन में एटीएस की टीम गठित की गई। इस टीम के द्वारा प्राप्त आसूचना का तकनीकी विश्लेषण एवं भौतिक सत्यापन कर कार्यवाहीं की।

उन्होंने बताया कि आसूचना में अंकित रजिस्ट्रेशन नम्बरों के संबंध में वाहन पोर्टल से सूचना प्राप्त की गई तो पाया कुछ वाहन पहले अरूणाचल प्रदेश एवं मणिपुर में रजिस्ट्रेशन है, जो अशोक लीलेंड और टाटा के गुड्स कैरियर श्रेणी के होकर जगतपुरा जयपुर आरटीओ ऑफिस में पुनः रजिस्ट्रेशन हुए हैं। अरूणाचल प्रदेश व मणिपुर से ट्रॉसफर कराने का कारण रजिस्ट्रेशन की ट्रांसफर हिस्ट्री में ड्यू टू माईग्रेटिंग अंकित है। इन संदिग्ध वाहनों के बारे में वाहन निर्माता कम्पनियों से निर्माण के बारे में जांच की गई तो पाया कि वाहन निर्माताओं के द्वारा संदिग्ध वाहनों का इंजन-चेसिस नंबर का निर्माण नहीं किया गया है।

इससे यह प्रतीत होता है कि अपराधियों के द्वारा वाहनों पर फर्जी तरीके से इंजन चेसिस नंबरों का इन्द्राज कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाकर नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में रजिस्ट्रेशन करवाया है। इस संबंध में एटीएस की टीम गठित कर संबंधित वाहन निर्माता कम्पनियों से असली वाहन मालिकों की जानकारी के लिए डीडीजी ई ट्रांसपोर्ट डिवीजन दिल्ली से सूचना प्राप्त की गई।

पिछले 10 वर्ष (2010 से 9 नवम्बर 2022 तक) में नार्थ ईस्ट क्षेत्र (असम, अरुणाचल, मणिपुर राज्य इत्यादि) में रजिस्टर्ड कुल 3448 वाहन है, जो नार्थ ईस्ट से राजस्थान में माईग्रेट होकर रजिस्टर्ड हुए हैं। जो 41 श्रेणी (मैक) के वाहन हैं। ये वाहन उत्तर पूर्व के 50 आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड होने के पश्चात माईग्रेट होकर राजस्थान के 51 आरटीओ में रजिस्टर्ड हुए है। ऐसे वाहनों में प्रमुख रूप से टाटा मोटर्स लिमिटेड (2196), अशोक लीलेंड लिमिटेड (459), महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (353), टेफे लिमिटेड (113), आईसर (38) कुल 3159 वाहन होना पाया है।

इस प्रकार कम्पनियों को भेजे गए 3159 इंजन और चैचिस नम्बर में से कुल 785 वाहनों के चैचिस नम्बर की जानकारी कम्पनियों के डाटाबेस में मिली है, शेष 2394 वाहनों का कम्पनियों के डाटाबेस में होना नहीं पाया गया हैं। ऐसे 2394 वाहनों के चोरी के होने रिपोर्ट दर्ज करवा कर इनके इंजन नम्बर व चैचिस नम्बर बदले जाने की संभावना होने से इनको संदिग्ध माना जा सकता है।

वाहन कम्पनियों के डाटाबेस से मिलान नहीं होने वाले 2394 वाहनों में से 15 वाहनों का जयपुर परिवहन कार्यालय से रिकॉर्ड प्राप्त किया गया। उपरोक्त 15 वाहन मालिकों की तस्दीक व संबंधित वाहनों का भौतिक सत्यापन करने के लिए निर्देशानुसार गठित टीमों से सत्यापन कराया गया तो टीम प्रभारियों द्वारा तस्दीक, भौतिक सत्यापन व वाहन मालिकों से पूछताछ की गई।

पूछताछ में सामने आया कि उपरोक्त वाहन या चेचिस करीब 15 से 20 लाख रुपए में खरीदें गए हैं। वाहन,चेचिस की खरीद दलाल और जानकार के माध्यम से की गई है। ज्यादातर वाहनों पर फाईनेंस व परिवहन कार्यालयों से दस्तावेज संबंधी कार्य इन्हीं दलाल और जानकारों के माध्यम से किए गए। उपरोक्त वाहनों की तस्दीक में सभी वाहनों के दलाल अलग होना ज्ञात हुए है। पैसे की व्यवस्था ज्यादातर वाहनों पर फाईनेंस करवाकर की गई है। वाहनों की खरीद-बेचान नकद लेनदेन से हुई है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles