जयपुर। गोनेर के श्री लक्ष्मी जगदीश मंदिर में जलझूलनी एकादशी पर भगवान लक्ष्मी जगदीश महाराज मेला भरा। महंत हनुमान दास के सान्निध्य में सुबह ठाकुरजी का अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई। मेले में जयपुर के अलावा दौसा, करोली, सवाई माधोपुर, अलवर, टोंक सहित कई जिलों के श्रद्धालु जगदीश महाराज के दर्शन करने के लिए पहुंचे।
शाम को आराध्य देव लक्ष्मी जगदीश भगवान अपने निज मंदिर से शहनाई, बैंड बाजों की मधुर ध्वनि के साथ जयकारों के साथ जगन्नाथ सरोवर पर ले जाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम डोल यात्रा में शामिल हुआ। सरोवर में नाव से ठाकुरजी को जल विहार कराया गया।
लौटने पर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया और आरती उतारी गई। श्री लक्ष्मी जगदीश मंदिर प्रबंध समिति गोनेर के महंत हनुमान दास ने बताया कि गोनेर जगन्नाथ सरोवर तालाब 1981 की बाढ़ के बाद इस बार पूरा भरा है। राम जी, सीता माता, राधा-कृष्ण, बलराम जी, गणेश जी, हनुमान जी, हवन-यज्ञ करते देवतागण, भोलेनाथ की बारात, कालिया मर्दन के साथ बर्फानी बाबा सहित डेढ़ दर्जन विशेष झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही।
ठाकुरजी को लबालब भरे जगन्नाथ सागर में नौका विहार कराया गया। विजय हनुमान मंदिर के सामने आरती उतारने के बाद ठाकुर जी की नौका को मुख्य घाट पर लाया गया। जहां से जगदीश भगवान पालकी में विराजमान होकर पुन: निज मंदिर के लिए प्रस्थान किया। शोभायात्रा में बलवंत व्यायामशाला के स्वयंसेवकों ने करतब दिखाया।
इस मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने गोताखोर की व्यवस्था की। स्काउट गाइड के करीब 50 स्वयंसेवकों ने भी सेवाएं दीं। मंदिर में सभी को मालपुआ खीर का प्रसाद वितरण किया गया।
झंडा पूजन के बाद निकलेगी पदयात्रा
रावटी वाले हनुमान जी मंदिर से मोहनपुरा वाटिका से झंडा पूजन के बाद रविवार को श्री लक्ष्मीपति जगदीश महाराज गोनेर के लिए रविवार सुबह सवा 8 बजे पदयात्रा रवाना होगी। बताया जा रहा है कि मोहनपुरा के स्थानीय ग्रामीणों की ये पहली पदयात्रा है। जो दोपहर तीन बजे के आसपास जगदीश महाराज के मंदिर पहुंचेगी। जिसके पश्चात श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी वितरण किया जाएगा।