जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा वित्त एवं विनियोग विधेयक में राज्य कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को लेकर की गई घोषणा की क्रियान्विति नहीं होने के विरोध में हजारों राज्य कर्मचारियों ने अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आव्हान पर पूरे प्रदेश में ज्ञापन दिवस मनाया और जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन प्रस्तुत किया।
प्रदेश की राजधानी जयपुर में यह ज्ञापन महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ एवं जिला अध्यक्ष छोटेलाल मीणा की अगुवाई में गए एक शिष्टमंडल ने मुख्य सचिव को सौपा। वार्ता में मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया कि वेतन विसंगति परीक्षण समिति की रिपोर्ट को लागू करने के संबंध में वित्त विभाग से जानकारी ली जाएगी और अन्य मांगों पर वित्त विभाग स्तर पर वार्ता आयोजित कराई जाएगी।
महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 29 जुलाई 2024 को वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की शेष सिफारिशों को 1 सितंबर 2024 से लागू करने की घोषणा की थी लेकिन उसकी रिपोर्ट को सरकार ने आज तक सार्वजनिक नहीं किया है।
इससे प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक वेतन विसंगति परीक्षण समिति के रिपोर्ट को शीघ्र सार्वजनिक किया जाए और महासंघ के लंबित मांग पत्र पर उच्च स्तरीय वार्ता आयोजित कराकर मांगों का निराकरण किया जाए, अन्यथा कर्मचारियों को राज्य व्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
शहीद स्मारक पर जिन कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया उनमें राजेंद्र शर्मा, कुलदीप यादव, छोटेलाल मीना, भंवर सिंह धीरावत, ओम प्रकाश चौधरी, सर्वेश्वर शर्मा, सुरेश नारायण शर्मा, राजेंद्र कुमार शर्मा, देवेंद्र सिंह नरूका, अशोक भंडारी, बाबूलाल शर्मा, पुष्पेंद्र सिंह, उदल सिंह राजावत, प्रहलाद राय अग्रवाल, शेर सिंह यादव, प्रकाश यादव, विजय सिंह, अजय वीर सिंह, नाथू गुर्जर, पप्पू शर्मा, राकेश पारीक, शिवकुमार जाट, गोपाल कृष्ण, प्रभु सिंह रावत, राम नरेश जटवा एवं भवानी सिंह आदि शामिल है।