April 19, 2025, 3:48 pm
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संभागीय आयुक्त के जयपुर,कोटा एवं दौसा स्थित चार ठिकानों पर एसीबी ने मारे छापे

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की विभिन्न टीमों की ओर से बुधवार को जयपुर, कोटा एवं दौसा में कार्रवाई करते हुए संभागीय आयुक्त कोटा संभाग राजेन्द्र विजय (आईएएस) के विरूद्ध दर्ज आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के प्रकरण में उसके चार विभिन्न ठिकानों पर छापा मारकर तलाशी अभियान चलाया गया। जहां टीम को कई आवासीय-व्यावसायिक भूखंडों के दस्तावेज सहित नगदी और सोने-चांदी के जेवरात मिले है। जिनकी अनुमानित बाजार कीमत करोड़ों रुपयों से अधिक है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पुलिस महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ब्यूरो मुख्यालय को गोपनीय सूत्र सूचना प्राप्त हुई थी कि संभागीय आयुक्त कोटा संभाग राजेन्द्र विजय (आईएएस) द्वारा भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा अपने एवं अपने परिजनों के नाम से अपनी वैध आय से आनुपातिक रूप से अधिक चल-अचल सम्पत्तियाँ अर्जित की गई है, जिनकी अनुमानित बाजार कीमत करोड़ों रुपयों से अधिक है।

इस सूत्र-सूचना का एसीबी की इन्टेजिलेन्स शाखा द्वारा गोपनीय रूप से सत्यापन किया गया एवं तथ्यों की पुष्टि होने पर आय से अधिक सम्पत्तियाँ अर्जित का मामला बनना पाये जाने पर प्रकरण दर्ज किया गया। एसीबी की स्पेशल यूनिट प्रथम जयपुर टीम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में सक्षम न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त किया जाकर एसीबी की विभिन्न टीमों ने एक साथ बुधवार अलसुबह संभागीय आयुक्त कोटा संभाग राजेन्द्र विजय के जयपुर, कोटा एवं दौसा स्थित चार विभिन्न ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की गई।

आईएएस राजेन्द्र विजय के जयपुर स्थित आवास की तलाशी में 13 आवासीय,व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज (जिनमें टोंक रोड़ पर आलीशान मकान एवं ज़ूडियो व्यावसायिक शोरूम नंम्बर 7. ग्राउण्ड फ्लोर, जीटी गलेरिया, ब्लॉक-बी, अशोक मार्ग सी-स्कीम, जयपुर प्रमुख हैं), 2 लाख 22 हजार से अधिक की नगदी, 335 ग्राम सोने के आभूषण, 11 किलो 800 ग्राम चांदी के आभूषण एवं 3 चार पहिया वाहन मिले हैं। इसके अतिरिक्त अनेक बीमा पॉलिसियों में निवेश, एक बैंक लॉकर (जिसकी तलाशी ली जानी है) एवं 16 अलग-अलग बैंक खाते जिनमें लाखों रुपये जमा हैं, भी मिले हैं।

ब्यूरो के प्राथमिक आकलन प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अब तक तलाशी में मिले दस्तावेजों के अनुसार आईएएस राजेन्द्र विजय द्वारा अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा करोड़ों रुपये की खरीद कीमत की अनेक चल-अचल परिसम्पत्तियां अर्जित करने का अनुमान है, जो उनकी वैध आय से आनुपातिक रूप से कहीं अधिक है। इसके अतिरिक्त आईएएस राजेन्द्र विजय एवं उसके परिजनों द्वारा कई बेनामी परिसंपत्तियों में निवेश के साक्ष्य मिले हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जायेगी। फिलहाल एसीबी की विभिन्न टीमों द्वारा आरोपी के ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है।

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