जयपुर। नगर निगम हेरिटेज में पट्टे की एवज में रिश्वत प्रकरण में शनिवार को पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर ने एसीबी कोर्ट में जमानत याचिका सुनवाई हुुई। इस दौरान पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर भी कोर्ट में उपस्थित रही। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मुनेश की जमानत मंजूर कर दी है। इस दौरान जयपुर नगर निगम हेरिटेज की पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि जयपुर की जनता ने प्रताप सिंह को लोकसभा और विधानसभा में जवाब दिया है। वह भी लोक सेवक है और मैं भी लोक सेवक हूं। आगे भी उन्हें जनता ही जवाब देगी।
गौरतलब है कि 19 सितंबर के दिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पट्टे की एवज में रिश्वत प्रकरण को लेकर कोर्ट में अपना चालान पेश किया था। उस वक्त मुनेश गुर्जर के वकील दीपक चौहान ने उनके सेहत कारणों का हवाला देकर आगामी तारीख मांगी थी। इसके बाद कोर्ट ने दो सप्ताह बाद शनिवार की तारीख दी थी। जिस पर सुनवाई हुई।
मुनेश को सरकार महापौर पद से सस्पेंड कर चुकी जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर को सरकार ने सस्पेंड कर दिया था। दरअसल, उन्होंने सरकार के नोटिस का समय पर 21 सितंबर तक जवाब पेश नहीं किया था। सरकार ने सबसे पहले 11 सितंबर को महापौर को नोटिस जारी किया था, तब ये नोटिस जांच अधिकारी की तरफ से जारी किया गया था। इसका तीन दिन बाद मेयर ने अपने एडवोकेट के जरिए जवाब भिजवाया था।
इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग ने 18 सितंबर को दूसरा नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था, लेकिन 21 सितंबर को रात 11 बजे तक कोई जवाब नहीं दिया गया था। 13 महीने में ये तीसरा मौका था, जब मुनेश गुर्जर को सस्पेंड किया गया। इससे पहले गहलोत सरकार ने मुनेश गुर्जर को 5 अगस्त 2023 और फिर 26 सितंबर 2023 को सस्पेंड किया था। हालांकि दोनों बार महापौर ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जहां से उनको राहत मिली और वे वापस महापौर की कुर्सी पर बैठीं थीं।