जयपुर। कला, साहित्य, संस्कृति विभाग और जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित दो दिवसीय जयपुर ध्रुवपद फेस्टिवल के दूसरे दिन रविवार को डागर बंधु उस्ताद नफीस उद्दीन खान डागर, उस्ताद अनीस उद्दीन खान डागर के ध्रुवपद गायन और कर्नाटक की मशहूर रुद्रवीणा वादिका संगीत विदुषी ज्योति हेगड़े की प्रस्तुतियों से रोशन हो उठा। इस मौके पर ध्रुवपद गायक फैय्याज वासिफउद्दीन खान डागर की शिष्या डॉ.गायत्री शर्मा का ध्रुवपद गायन भी हुआ।
उन्होंने शुरुआत में राग बिहाग में आलाप के बाद बंदिश ‘ऐरी सखी मोहे कल ना परत…’ को प्रस्तुत किया। इसके बाद राग दुर्गा में ‘जय माता भवानी…,’ बंदिश के जरिए श्रोताओं की वाहवाही बटोरी। पखावज पर ऐश्वर्य आर्य ने संगत की।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में डागर बंधुओं ने अपने चिरपरिचित अंदाज में ध्रुवपद गायन से आध्यात्मिक माहौल बनाया। उन्होंने शुरुआत में राग काम्भोजी में ताल चौताल में रसखान की बंदिश ‘मानुस हूं तो रसखान…,’ को पेशकर श्रोताओं को भावविभोर किया। इसके बाद राग अडाना में शंकर भगवान की आराधना करते हुए शिव स्तुति में सुर, लय और ताल का बेजोड़ प्रदर्शन किया।
उनके साथ पखावज पं.प्रवीण कुमार आर्य ने सधि हुई संगत की। कार्यक्रम के अंतिम चरण में कर्नाटक की रुद्रवीणा वादिका संगीत विदुषी ज्योति हेगड़े ने रुद्रवीणा के तारों से मन के तार झंकृत कर दिए। उन्होंने शुरुआत में राग आभोगी कागड़ा में आलाप, जोड़ और झाले को प्रस्तुत कर संगीतमय माहौल बनाया। इसके बाद त्रिवरा ताल में एक बंदिश के जरिए अपने वादन को विराम दिया।
कला समीक्षक इकबाल खान को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
ध्रुवपद फेस्टिवल के तहत दिग्गज ध्रुवपद गायक रहे उस्ताद जिया फरीदउद्दीन खान डागर की याद में तीन हस्तियों को संगीत की सेवाओं के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिए गए। विश्व ध्रुवपद गुरुकुल की ओर से वरिष्ठ कला समीक्षक इकबाल खान, सुर बहार वादक पं.पुष्पराज कोष्टी और पखावज वादक पं.संजय आग्ले को सम्मानित किया गया। अंत में स्वागत जयपुर फाउंडेशन के चेयरमैन इकबाल खान ने सभी का आभार व्यक्त किया।