जयपुर। सुख, वैभव, प्रेम और आकर्षण के कारक ग्रह माने जाने वाला शुक्र 13 अक्टूबर तक अपनी मूल त्रिकोण राशि तुला में रहने वाले हैं, जहां पर बुध भी इसी राशि में आने वाले हैं। बुध 10 अक्टूबर को सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे तुला राशि में आ जाएंगे। इस तरह के बुध और शुक्र की युति होने से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा के अनुसार भोग-विलास के कारक ग्रह शुक्र एक निश्चित अवधि के बाद अपनी राशि परिवर्तन करते हैं।
जिसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ता है। इसके अलावा शुक्र ग्रह समय-समय पर अन्य ग्रहों के साथ युति भी करते हैं जिससे कई योग को निर्माण होता है। वहीं ग्रहों के राजकुमार बुध वाणी, बुद्धि, व्यापार आदि के कारक माने जाते हैं। ऐसे में बुध-शुक्र की युति से बना लक्ष्मी नारायण योग कई राशि वालों को अच्छा लाभ दिला सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह एक निश्चित अंतराल पर राशि परिवर्तन करते हैं। इसके अलावा दो या दो से अधिक ग्रह किसी एक ही राशि में जब गोचर करते हैं तब ग्रहों की युति भी बनती है।
इन राशियों को मिलेगा योग का खास लाभ:
मेष राशि:
मेष राशि के जातकों के लिए बुध-शुक्र की युति से बना लक्ष्मी नारायण योग बहुत ही लाभकारी रहने वाला साबित हो सकता है। लाभ के अवसरों में वृद्धि के संकेत हैं। आपकी राशि में लक्ष्मी नारायण योग सातवें भाव में बनेगा, ऐसे में आपको अपने साथी या फिर साझेदार से अच्छा लाभ मिल सकता है। कार्यों में अच्छी सफलता मिलने के योग हैं।
वृषभ राशि :
वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं। ऐसे में बुध-शुक्र की युति से बनने वाला लक्ष्मी नारायण योग बहुत ही शुभ साबित हो सकता है। इस राशि के जातकों के लिए यह युति छठे भाव में हो रही है। ऐसे में आपको करियर में कोई अच्छा खासा मुकाम हासिल हो सकता है। लाभ के अवसरों में वृद्धि के संकेत हैं। अगर इस दौरान कोई नया व्यापार शुरू करना चाह रहे हैं, तो उसमें आपको कामयाबी हासिल होगी।
सिंह राशि:
बुध-शुक्र की युति से बनने वाला लक्ष्मी नारायण योग आपकी राशि में तीसरे भाव में बनेगा। ऐसे में आपको बहुत अच्छे अवसरों की प्राप्ति होगी। नौकरी में कुछ नए अवसर आपको मिल सकते हैं। आपकी आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार देखने को मिलेगा। इस दौरान आपके हाथ में जो भी अवसर आएंगे उसको आप जरूर पूरा करने में कामयाब होंगे।
सभी राशियों को प्रभावित करेगा बुध का गोचर:
ग्रहों के राजकुमार बुध बुध ग्रह 10 अक्टूबर सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे शुक्र राशि से तुला राशि में प्रवेश करेंगे। बुध 29 अक्टूबर तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे। बुध का यह गोचर राशि चक्र की सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा। कुछ राशियां ऐसी भी हैं जिन्हें इनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि बुध कुंडली में एक विशेष स्थान रखते हैं। ये बुद्धि, मित्रता, तर्क, ज्ञान, संचार, भाषा, एकाग्रता, सौंदर्य और त्वचा के कारक ग्रह माने जाते हैं। जब भी बुध किसी राशि में गोचर करते हैं तो इसका प्रत्येक राशि के स्वभाव, व्यवसाय, त्वचा और आय पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।