कण- कण मे ऊर्जा का वास हो तुम।
हे! माँ इस सृष्टि में जीवन का आभास हो तुम।।
अन्न-धन के भंडार तुम्ही से।
शक्ति का संचार तुम्ही से।।
ज्ञान चक्षु को खोलो बृह्माणि।
रोग -द्वेष को हरो रुद्राणि।।
चामुंडा धुमावती माता।
जन-जन मे है तेरी गाथा।।
मे बालक तुम मेरी माता।
तोड़ ना देना मुझ संग नाता।।
कांता शर्मा
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