जयपुर। कहते है कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रुप होता है। इसका उदाहरण फार्टिस हॉस्पिटल में देखने को मिला। जब एक प्रोफेसर बेटा अपनी 89 वर्षीय मां को अस्पताल में भर्ती कराकर फरार हो गया। बार -बार मोबाइल पर कॉल करने के बाद जब प्रोफेसर का मोबाइल फोन बंद आया तो अस्पताल प्रशासन ने मामले की जानकारी जवाहर सर्किल पुलिस को दी। लेकिन शातिर प्रोफेसर का पुलिस से भी सम्पर्क नहीं हुआ तो अस्पताल प्रशासन ने प्रोफेसर के घर जाकर मामले की जानकारी चाही। लेकिन वो उनके सामने मनोरोगी जैसी हरकते कर लग गया।
इस पर अस्पताल प्रशासन ने मां के रुप में बुजुर्गे महिला को अपना लिया और उसकी देखभाल का जिम्मा नर्सिग स्टाप व गार्ड को सौप दिया। फार्टिस अस्पताल के डॉक्टर पंकज आनंद ने बताया कि दिल्ली निवासी राजस्थान यूनिवसिर्टी के प्रोफेसर राहुल जोशी ने 4 सितंबर को अपनी मां रवि किरण जोशी 89 वर्षीय को फोर्टिस अस्पताल के डीलक्स रुम में भर्ती कराया था। लेकिन तबियत में कोई सुधार नहीं होने के कारण उन्हे 7 सितंबर को आईसीयू में रैफर किया गया।
जिसके बाद प्रोफेसर राहुल जोशी अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर फरार हो गए। चार दिन बाद उनकी तबियत में सुधार होने के बाद उन्हे वापस डीलक्स रुम में स्विफ्ट किया गया। अस्पताल प्रशासन ने राहुल जोशी के मोबाइल पर कई बार कॉल किया । लेकिन मोबाइल फोन लगातार बंद आया। इस पर जवाहर सर्किल थानाधिकारी विनोद सांखला ने भी राहुल जोशी से सम्पर्क करने का प्रयास किया।लेकिन मोबाइल बंद होने के कारण बात नहीं हो पाई।
अस्पताल प्रशासन राहुल जोशी के घर पहुंचा तो वो पहले तो अकेला आने का बहाना बनाने लगा बाद में मनोरोगी जैसी हरकते करने लग गया। इस पर पुलिस व अस्पताल प्रशासन ने उसके दूसरे बेटे दिल्ली निवासी प्रोफेसर अनुराग जोशी से बात की। लेकिन उसने भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इस पर अस्पताल के डॉक्टर पंकज जोशी ने समस्त स्टाफ के सहयोग से उसे अपनी मां मानते हुए अपना लिया। डॉ. आनंद ने बताया कि वे खुद दिन में दो बार जाते हैं. महिला सुरक्षा गार्ड बुजुर्ग महिला की देखरेख करते हैं। अस्पताल का स्टाफ कपड़े बदलता और सिर के बाल बनाता है।