जयपुर। श्रीगंगानगर की मूल निवासी व हाल जयपुर निवासी तेजस्विनी जाजपरा ’प्रजापत’ का गोटिगैंन विश्वविधालय जर्मनी में तीन साल के शोध प्रोजेक्ट के लिए चयन हुआ है। तेजस्विनी ने जयपुर के कनोडिया बालिका महाविद्यालय से बीएससी(बायोलॉजी) व एमएससी((एनवायरमेंट साइंस))बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में उतीर्ण की है।
गोटिगैंन विश्वविधालय में चयन से पहले तेजस्विनी ने एक वर्ष तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की एजेंसी इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग देहरादून में जूनियर रिसर्च फेलो व इससे पहले छह माह तक काजरी जोधपुर में जूनियर रिसर्च फेलो के रूप में प्रोजेक्ट पर शानदार कार्य किया है । वह राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल में भी अपनी सेवाएं दे चुकी है ।
श्री गंगानगर के मूल निवासी तेजस्विनी के पिता मोती लाल वर्मा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संध के राजस्थान क्षेत्र के विश्व संवाद केन्द्र, जयपुर के प्रथम प्रमुख देश की सबसे बड़ी जागरण पत्रिका पाथेय कण के सह संपादक, अखिल भारतीय विधार्थी परिषद् श्री गंगा नगर के नगर मंत्री, जिला प्रमुख, विभाग प्रमुख व प्रदेश कार्यकारिणी में रह चुके हैं। इसके अलावा पर्यटन, कला संस्कृति, स्वास्थ्य एवं आर्थिक सामाजिक विषयों पर लेखन करते हैं व वर्तमान में नगर निगम जयपुर हेरिटेज में संयुक्त निदेशक, जन सम्पर्क के पद पर कार्यरत हैं।
जिन्होंने बताया कि तेजस्विनी बाल्यकाल से ही बहुमूखी प्रतिभा की धनी रही है । तेजस्विनी को रियलिस्ट, फ्रेस्को, मॉडर्न, पेन्सिल स्केच, पेंटिंग, आर्किटेक्चर का शौक है व अनेक राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों व कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी है।
वर्मा ने बताया कि तेजस्विनी को गोटिगैंन विश्वविधालय की ओर से जेना विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय समर स्कूल कॉन्फ्रेंस में भाग लेने का अवसर मिला है व उसकी क्षमताओं से प्रभावित होकर विश्वविद्यालय ने उसे फिनलैण्ड में एक और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भेजने के लिये सहमति दी है।
उन्होंने बताया कि तीन साल के शोध के दौरान तेजस्विनी इण्डोनेशिया में कई बार फील्ड ट्रिप करेगी व ड्रोन टेक्नोलॉजी से वहां स्थापित टावर के माध्यम से इण्डोनेशिया के फॉरेस्ट व इकोलॉजी का अध्ययन करेगी।