जयपुर। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज के सान्निध्य में 7 से 15 नवंबर तक विद्याधर नगर स्टेडियम में होने वाली श्रीराम कथा से पूर्व अंबावाड़ी स्थित आदर्श विद्या मंदिर से कलश यात्रा निकाली गई। कलश शोभायात्रा के कारण पूरा मार्ग भक्ति के रंग में रंग गया। करीब ग्यारह हजार महिलाएं त्रिवेणी संगम के जल से भरे हुए कलशों को सिर पर धारण कर मंगल गीत और जयकारे लगाती चल रही थी।
वहीं, पुरुष श्रद्धालु हाथों में सालासर बालाजी और गौ सेवा के ध्वज थामे चल रहे थे। आमसान में 51000 भगवा गुब्बारे छोड़े तो पूरा आसमान केसरिया हो उठा। स्वर्ण मंडित रथ में विराजमान तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज पूरे मार्ग में आशीर्वाद देते रहे। 31 बग्गियों में सालासर बालाजी, राम दरबार सहित कई झांकियां सजाई गई। प्रदेश के विभिन्न मठ-मंदिरों के संत-महंत भी बग्गी में विराजमान रहे।
कलश यात्रा में साथ चल रहे बाहुबलि हनुमान आकर्षण का केन्द्र रहे। प्रथम पूज्य गणेशजी, शिव परिवार सहित कई स्वरूप झांकियां भी सजाई गई। मार्ग में हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। रास्ते में 21 स्वागत द्वार पर विभिन्न समाजों और संस्थाओं की ओर से पुष्प वर्षा से कलश यात्रा का स्वागत किया गया। अंबावाड़ी सर्किल से रवाना हुई कलश यात्रा मेटल कॉलोनी, अग्रवाल कैटर्स, बियानी कॉलेज, नेशनल हैंडलूम, अग्रसेन हॉस्पीटल, भैरोंसिंह शेखावत स्मृति स्थल होते हुए विद्याधनगर स्टेडियम पहुंची। यहां बनाए गए 200 फीट चौड़े, 600 फीट लंबे और 21 फीट ऊंचे डोम में कलश यात्रा की अगवानी की गई। चार द्वारों से महिलाओं ने प्रवेश किया। इन्हें अयोध्या द्वार, काशी द्वार, द्वारकापुरी द्वार और मथुरा द्वार नाम दिया गया है। अलग से बनाए गए 80 फीट चौड़ा और 150 फीट लंबा स्टेज पर साधु-संत विराजमान रहे।
आज से होगी कथा:
तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज 7 नवंबर से दोपहर दो से शाम छह बजे तक कथा श्रवण कराएंगे। पहले दिन मंगलाचरण और राम कथा के महात्मय का श्रवण कराया जाएगा।