जयपुर। सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में लागू किए गए नियमों में संशोधन की मांग को लेकर सोमवार को नगर निगम के सफाई कर्मचारी संगठन से जुड़े लोगों ने नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा के निवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। इस विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए वहां मौजूद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। इसके साथ ही प्रदर्शन करने वाले संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारियों को भी हिरासत में लिया। जानकारी के अनुसार जयपुर नगर निगम सफाई कर्मचारी के एक संगठन ने सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में लागू एक नियम का विरोध करने के लिए यूडीएच मंत्री के निवास पर सोमवार दोपहर पहुंचे।
यहां पहुंचने पर कर्मचारियों ने यूडीएच मंत्री के निवास के बाहर धरना दिया और हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लहराते हुए नारेबाजी। इन तख्तियों पर भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र पर समक्ष अधिकारी के हस्ताक्षर की बाध्यता को हटाने का उल्लेख किया गया। प्रदर्शन कर रहे संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि इससे नगर निगम में भ्रष्टाचार पनपेगा। जो भी अभ्यर्थी अनुभव प्रमाण पत्र लेकर अधिकारी के पास जाएगा तो वह उस पर हस्ताक्षर करने से पहले रिश्वत मांगेगा। काफी देर तक विरोध-प्रदर्शन चलने के बाद वहां मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने समझाइश की और उन्हें वहां से हटने के लिए कहा। बार-बार समझाइश नहीं करने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया।
गौरतलब है कि प्रदेश की भजनलाल सरकार ने प्रदेशभर में 23 हजार 820 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकली है। लेकिन इस भर्ती में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास एक साल का सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करने का सर्टिफिकेट (अनुभव प्रमाण पत्र) होना अनिवार्य है। अनुभव प्रमाण पत्र जो कॉन्ट्रेक्ट फर्म या ठेकेदार के जरिए अभ्यर्थियों को दिए जाएंगे। उस पर संबंधित नगर निगम के समक्ष स्तर के अधिकारी उपायुक्त या सीएसआई से वेरीफाई करवाना होगा। इस वेरिफिकेशन में अधिकारी उक्त अभ्यर्थी से कम के बदले काटे गए पीएफ-ईएसआई का रिकॉर्ड भी मांगेगा।