जयपुर। श्री नरवर आश्रम सेवा समिति श्री खोले के हनुमानजी प्रन्यास की ओर से दिल्ली रोड स्थित खोले के हनुमान मंदिर में रविवार को 64वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव का आयोजन हुआ। हनुमान जी महाराज की संत महंतों के सानिध्य में महाआरती हुई । जयपुर के सभी प्रमुख मंदिरों के संतों-महंतों का श्री नरवर आश्रम सेवा समिति श्री खोले के हनुमानजी प्रन्यास की ओर से अभिनंदन किया। लक्ष्मण डूंगरी के शिखर पर विराजमान श्री राम, हनुमान जी, अन्नपूर्णा, गायत्री माता, वैष्णो माता, द्वादश ज्योतिर्लिंग सहित खोले और आसपास के 61 देवालयों में अन्नकूट का भोग लगाया । इस मौके पर छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई ।
श्री नरवर आश्रम सेवा समिति श्री खोले के हनुमानजी प्रन्यास के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि ब्रह्मलीन बाबा राधेश्याम चौबे जी महाराज की स्थापित परंपरा के अनुसार सभी लोग एक ही पंगत में बैठकर मूंग, चौंला, बाजरा, चावल, गडमड सब्जी, कड़ी, हलवा, भुजिये की प्रसादी जिमाई जाती है । खोले के हनुमान जी की फल-सब्जी,आनंदेश्वर महादेव के अन्न, सियाराम महाराज की छप्पन भोग, गणेशजी के लड्डुओं की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही । हड्डी शाह की मजार पर भी छप्पन भोग और अन्नकूट की प्रसादी का भोग लगाया गया।अन्नकूट महोत्सव का शुभारंभ सुबह हनुमान जी महाराज के अभिषेक के साथ शुभारंभ हुआ ।
इसके बाद सिंदूरी चोला धारण कराकर छप्पन भोग और फल-सब्जियों की झांकी सजाई गई । वेद विद्यालय के विद्यार्थी वेदों की ऋचाओं का सस्वर उच्चारण किया । शिव सत्संग मंडल की ओर से हरिनाम संकीर्तन किया गया। ग्यारह से एक बजे तक बैंड वादन हुआ। महाआरती के बाद भक्तों के लिए अन्नकूट प्रसादी का शुभारंभ हुआ। प्रसादी ग्रहण कराने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। इसी बीच दोपहर एक से तीन बजे तक श्याम ज्योति भजन संध्या का आयोजन हुआ श्री गुरु कृपा जागरण मंडल की ओर से भजनों की प्रस्तुतियां दीं । पी आर स्वामी, मोहन बड़ोदिया ने भजनों की स्वर लहरियां बिखेरी। आयोजन में तेरह खंडों में करीब चार हजार कार्यकर्ता व्यवस्थाएं संभाली ।