जयपुर। बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और वहां हिंदू समाज पर हो रहे दमन के विरोध में देशभर में लगातार हो रहे प्रदर्शन के बीच बुधवार को राजधानी जयपुर में सर्व हिंदू समाज का गुस्सा फूट पड़ा। शहर के हृदय स्थल बड़ी चौपड़ पर ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन हुआ। हजारों लोगों ने आक्रोश प्रकट किया। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार और हत्या के खिलाफ नारे लगे। जय श्रीराम के उद्घोष के बीच बांग्लादेश सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश में आजकल जो हुकूमत सत्तासीन है, उसका उदारवादी चेहरा भले ही नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस हैं, किंतु सत्ता की वास्तविक कमान जमात ए इस्लामिया और बांग्लादेश के इस्लामी फौजी हुक्मरानों के हाथों में है। जिस दिन से शेख हसीना सत्ता से बेदखल की गई हैं तब से बांग्लादेश की सत्ता इस्लामी कट्टरपंथियों के हाथों में आ गई है। उसी रोज से ही नृशंस कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं,उनके मंदिरों, मकानों, कारखानों पर निरंतर आक्रमण किए जा रहे हैं। लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि भारत में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नरेंद्र मोदी बैठे हैं। समय रहते बांग्लादेश सरकार को अपने तेवर बदल लेने चाहिए। इसी में उसकी भलाई है।
गोपाल शर्मा ने कहा कि मोहम्मद यूनुस की कथित अंतरिम सरकार दुर्दांत कट्टरपंथी हमलावरों पर कोई भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने में एकदम नाकामयाब सिद्ध हुई है। किसी संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए ठीक नहीं है परंतु एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार से उत्पीड़न होता रहे और भारत सरकार सिर्फ देखती रहे, लंबे समय तक यह स्वीकार नहीं किया जा सकता।
हम सभी को एकजुट होकर इसका मुकाबला करना चाहिए। बांग्लादेश की आबादह 17 करोड़ है जिसमें तकरीबन आठ फीसदी हिंदू हैं। यदि बांग्लादेश की अल्पसंख्यक आबादी पर इसी तरह के जुल्म जारी रहे और बांग्लादेश की हुकूमत इस तरह से मूकदर्शक बनी रही, तो फिर बांग्लादेश में भी हिंदुओं का रहना उसी तरह नामुमकिन हो जाएगा जिस तरह कभी पाकिस्तान में हुआ था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के होते हुए ऐसा नहीं हो सकता।