जयपुर। सीआईडी क्राइम ब्रांच रेंज सेल जोधपुर की टीम ने विदेशी कोयले में मिलावट कर चोरी करने के मामले में सांचौर थाने में दर्ज मुकदमे में वांछित 11 हजार के इनामी फरार आरोपी भरत मोहन भाई पुत्र मोहन भाई भानुशाली (43) निवासी भारत नगर, थाना ए-डिवीजन, गांधीधाम, जिला कच्छ गुजरात को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। मामले में आरोपी पिछले 20 महीनों से फरार चल रहा था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध एवं एजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि सीआईडी सीबी रेंज सेल जोधपुर की टीम द्वारा गुजरात के गांधीधाम पहुंच इनामी आरोपी भरत मोहन भाई को गिरफ्तार किया है। इससे पहले 21 नवंबर को इसी टीम द्वारा कोयला चोरी के अन्य मामले में 11 हजार रुपये इनामी समा याकूब इब्राहिम के साथ अन्य मिठू मथडा इब्राहिम को गिरफ्तार किया गया था।
एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि रशिया, इंडोनेशिया व यूएसए से गुजरात बंदरगाह पहुंचे महंगे कोयले को ट्रकों में भरकर अलग-अलग जगह भेजा जाता है। इस दौरान बदमाश ट्रक चालकों से मिलीभगत कर कोयले को अपने स्थान पर उतार कर नकली कोयले की मिलावट कर वापस गाड़ी को आगे भेज देते है। वहीं असली कोयले को फर्जी बिलों के जरिए दूसरे लोगों को बेचा जाता है।
एमएन ने बताया कि इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने पिछले साल अप्रैल महीने में उनके निर्देशन में सीआईडी सीबी की विभिन्न टीमों द्वारा स्थानीय पुलिस के साथ एक साथ 13 जिलों में कार्रवाई की गई। अभियान में पाली के थाना गुड़ाएंदला, बाड़मेर के थाना आरजीटी व सिणधरी, जोधपुर ग्रामीण के थाना लोहावट व फलोदी, जालौर हाल सांचौर जिले के थाना सांचौर, बीकानेर के थाना बीछवाल थानों में प्रकरण दर्ज हुए थे। जिसमे फरार चल रहे 15 आरोपियों पर पुलिस मुख्यालय से 11-11 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।
इस कार्रवाई में सांचौर थानांतर्गत करौला गांव के पास स्थित एक बाड़े में 20 अप्रैल, 2023 को दबिश देकर बाड़े से 65 टन कोयला, एक टाटा हिटाची वाहन, एक बिना नम्बरी ट्रक टेलर का अगला हिस्सा बिना बोड़ी के, एक बिना नम्बरी ट्रक, एक कन्टेनर बोडी इत्यादि जब्त कर पुलिस ने आरोपी बाबुलाल पुत्र कुम्भाराम विशनोई निवासी कारौला, बंशीलाल खोरवाल पुत्र मोतीलाल निवासी जटियावास सांचोर, भवरलाल पुत्र सुखराम विशनोई निवासी सांगड़ा डावल, भरत कानजी व अन्य के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था।
आरोपी गुजरात के कांडला बंदरगाह से कोयला भर कर लेकर आने वाले ट्रक चालकों से सम्पर्क कर इस बाड़े में उक्त ट्रक की सील तोड़ महंगा कोयला निकालकर उसमें उतने ही वजन का घटिया कोयला मिलाकर वापस ट्रक को सील कर आगे भेज देते थे।