जयपुर। नौंवी पातशाही धन-धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत को समर्पित गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार वैशाली नगर में 1 से 7 दिसंबर तक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार सर्वजीत सिंह माखीजा ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब में 1 से 7 दिसंबर तक प्रत्येक दिन रात्रि दीवान सजाया जा जाएगा। जिसमें कीर्तन के साथ-साथ ज्ञानी कुलविंदर सिंह, कथा वाचक भोगपुर वालों के तत्वावधान में किया जाएगा ।
ज्ञानी कुलविंदर सिंह कथा वाचक भोगपुर वालों ने धन-धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि “दुनिया के इतिहास में कोई ऐसी मिसाल नहीं है कि किसी पैगंबर ने किसी और धर्म की रक्षा के लिए शहीदी दी हो, और ऐसा कभी नहीं हुआ है कि जिनके धड़ का संस्कार किसी और जगह और सीस (सर) का संस्कार अलग जगह हुआ हो। वह है धन-धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ।
धन-धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने 1675 इस्वीं में चांदनी चौक नई दिल्ली की सर जमीन पर हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। भाई जैता जी ने गुरु साहिब जी का पावन सीस (सर) बहुत ही सत्कार और अदब से लेकर चांदनी चौक दिल्ली से श्री कीरतपुर साहिब पहुंचे, जहां धन माता नानकी जी, धन माता गुर्जर को और धन गुरु गोविंद सिंह जी महाराज और सारी संगत ने उनके पवन सीस के दर्शन किए और फिर सुंदर पालकी में गुरु साहिब जी का पवन शीश (सर) को सुशोभित करके श्री आनंदपुर साहिब लाए , जहां नौंवी पातशाही जी के पावन शीश का संस्कार किया गया।
यह देख जगत माता धन गुर्जर कौर जी की मुंह से कुछ पावन शब्द निकले -“आपकी निभ गई, अब हमारी निभा लेना” । जिस जगह पर गुरु साहिब के पावन सीस का संस्कार किया गया वहां आजकल गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब, श्री आनंदपुर साहिब, पंजाब में है। प्रत्येक दिन दीवान की समाप्ति उपरांत अतुट लंगर भी वरताया जाएगा।