जयपुर। दौसा जिले में कालीखाड़ गांव में घर से महज 100 फीट की दूरी पर खेत में बने बोरवेल में सोमवार को दोपहर करीब 3 बजे खेलते समय पांच साल का मासूम खुले बोरवेल में गिर गया। जिसके बाद पूरे गांव में अफरा तफरी का माहौल बन गया। सूचना पर मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी ने घटना स्थल पर पहुंच कर मौका का जायजा ले रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया। सूचना मिलने पर जयपुर से एसडीआरएफ की टीम व विधायक डीसी बैरवा भी मौके पर पहुंचे। घटना स्थल पर बोरवेल में फसे बच्चे को बाहर निकालने के लिए 7 जेसीबी की मदद से बोरवेल के आसपास से मिट्टी की खुदाई की जा रही है।
जानकारी के अनुसार पीड़ित पिता जगदीश मीणा ने बताया कि सोमवार को करीब 3 बजे आर्यन (5) खेलते समय खुले बोरवेल की तरफ चला गया और उसका पैर फिसल गया। जिसे वो बोरवेल में गिर गया। बताया जा रहा है की घटना के समय जगदीश की पत्नी खेत पर ही बनी पानी की टंकी पर नहाने के लिए गई हुई थी।
मोटर फंसने के कारण काफी समय से बंद पड़ा था बोरवेल
बताया जा रहा है कि बोरवेल करीब 160 फीट गहना था। करीब तीन साल पहले पानी आना बंद हो गया था। जिसके बाद इसे खुदवाया गया था और इसकी गहराई को बढ़ा दिया गया। लेकिन कुछ ही समय बाद इसमें मोटर फंस गई थी। जिसके बाद बोरवेल खुला ही पड़ा था।
155 फीट गहराई में फंसा हुआ है मासूम
घटना स्थल पर रेस्क्यू कर रही टीम कैमरों की मदद से पांच साल के मासूम पर नजर जमाए हुए है। बताया जा रहा है कि बच्चा बोरवेल में 155 फीट की गहराई में फंसा हुआ है। पाइप के माध्यम से बच्चों तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है।
बोरवेल से बच्चे की आवाज सुनाई दे रही है
मासूम के परिजन लगातार बच्चे को आवाज दे रहे हैं ताकि वह घबराए नहीं। अपने परिजनों की आवाज सुनकर बच्चा जवाब भी दे रहा है। प्रशासन ने बोरवेल में ऑक्सीजन की नली डाली है ताकि बच्चे को सांस लेने में तकलीफ न हो। मासूम की जान बचाने के लिए प्रशासन ने एनडीआरएफ टीम को भी मौके पर बुलाया है। फिलहाल एसडीआरएफ की टीम और प्रशासन अपने स्तर पर बचाव कार्य में जुटा हुआ है। मौके पर करीब 10 जेसीबी से खुदाई का काम किया जा रहा है और मिट्टी हटाने के लिए 10 ट्रैक्टर लगाए गए हैं।
पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा है आर्यन
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार जगदीश मीना के चार बेटे और एक बेटी हैं। इनमें आर्यन सबसे छोटा बेटा है। घटना के बाद मासूम के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।आसपास की महिलाएं और ग्रामीण परिजनों को ढांढस बंधाने में लगे हुए हैं।