जयपुर। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में भक्तों ने गुरुवार को प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया। इसके लिए एक थाली एक थैला अभियान का श्रीगणेश किया गया। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिनिधियों को ठाकुरजी की ओर से प्रतीक रूप में थाली और थैला भेंट कर अभियान की औपचारिक शुरुआत की।
मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर प्रबंधन की ओर से सभी गोविंद भक्तों से आग्रह किया जाएगा कि वह अपनी क्षमतानुसार थाली और थैले का सहयोग करें। कुंभ में जाएं तो थाली और थैला साथ लेकर जाएं। गोविंद देवजी मंदिर और सभी मातहत मंदिरों में इस संबंध में भक्तों को होर्डिंग और बैनर के माध्यम से प्रेरित किया जाएगा। जल्दी ही मंदिर के माध्यम से बड़ी संख्या में थाली और थैले एकत्र कर महाकुंभ में भेजे जाएंगे। गोविंद देवजी मंदिर की ओर से महाकुंभ में लगने वाले अन्नक्षेत्र में भी थाली का ही उपयोग किया जाएगा।
गुरुवार को मंदिर परिसर में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ऋषि गालव जिला इकाई के कार्यकर्ताओं ने अभियान के तहत नंदू अग्रवाल, ओपी अग्रवाल, प्रभु दयाल शर्मा, सुरेंद्र डालमिया, हरीश खंडेलवाल, नरेश सोंखिया, मुकेश पारीक से 100 सैट थैले और थाली प्राप्त की। पूरे माह चलेगा अभियान
महानगर पर्यावरण संयोजक अशोक दाधीच ने बताया कि हर घर से एक थाली एक थैला संग्रहित कर प्रयागराज के तीर्थ यात्रियों तक पहुंचाया जाएगा। हर कुंभ यात्री के पास भोजन के लिए थाली होगी और सामान के लिए थैला होगा तो इससे बहुत कम कचरा उत्सर्जित होगा। भाग प्रचार प्रमुख विनय अग्रवाल ने बताया कि यह अभियान पूरे दिसंबर महीने में चलेगा। इसके बाद संग्रहित किए गए थाली और थैलों को प्रयागराज तक पहुंचाया जाएगा। इस मौके पर भाग संघचालक अशोक जैन, प्रांत सह प्रचारक विशाल एवं शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
40 हजार टन कचरा उत्सर्जित होने का अनुमान
आगामी 13 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालु जुटने की संभावना जताई जा रही है। इतनी बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के भोजन आदि में पॉलीथिन और डिस्पोजल के उपयोग से लगभग 40 हजार टन कचरा उत्सर्जित होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
जिसमें शासन-प्रशासन द्वारा स्वच्छता और कचरा निस्तारण की व्यवस्था काफी मुश्किल कार्य लगता है। इसे ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पर्यावरण विभाग और विश्व हिंदू परिषद ने एक थाली एक थैला अभियान की शुरुआत की। ताकि प्रयागराज महाकुंभ को हरित कुंभ यानी प्लास्टिक मुक्त कुंभ बनाया जा सके।