जयपुर। एसीबी की टीम ने राजस्थान विधानसभा के बाहर नगर निगम अलवर के राजस्व अधिकारी और दलाल को तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां पर उन्हें जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि एसीबी ने मंगलवार शाम को विधानसभा के गेट नंबर-3 के बाहर अलवर नगर निगम में पोस्टेड रेवेन्यू ऑफिसर युवराज युधिष्टर मीणा और दलाल मुकेश को 3 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था।
आरोपी ने एक प्राइवेट कंपनी की फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर पैसे मांगे थे। युवराज युधिष्ठर मीणा (35) का चचेरा भाई प्रवर्तन निदेशालय में अधिकारी है। वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली टीम में भी था। युवराज मीणा ने लंबे समय से अलवर में नगर निगम के होर्डिंग का टेंडर तक अटका रखा था। टेंडर जारी नहीं होने के पीछे मिलीभगत की शिकायत पहुंची है।
केवल टेंडर नहीं होने से निगम को हर साल कई करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। रेवेन्यू ऑफिसर युवराज मीणा की 2012 में अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। उनकी पिता की जगह नौकरी लगी थी। अक्टूबर 2024 में अलवर नगर निगम में पोस्टेड हुए थे। इससे पहले जयपुर में जेडीए में पदस्थापित थे। मीणा को लोगों के सामने खुद को हाई प्रोफाइल दिखाना पसंद है।