जयपुर। राजधानी जयपुर में पिछले साल भांकरोटा में एलपीजी टैंकर हादसे वाले डीपीएस कट को शनिवार से पूरी तरह बंद कर दिया गया है। अब विकल्प के तौर पर अजमेर की तरफ से आने वाले वाहन कोटा-टोंक और आगरा जाने के लिए महिंद्रा सेज फ्लाईओवर से रिंग रोड पर जा सकेंगे।
एनएचएआई और ट्रैफिक पुलिस ने इसकी पूरी तैयारी शुक्रवार को ही ट्रायल रन के जरिए कर ली थी। सफल ट्रायल के बाद कट को बंद कर दिया गया। कट बंद होने पर रिंग रोड पर जाने वाले सभी वाहनों कों महेंद्रा सेज फ्लाईओवर से गुजरना होगा। विकल्प के लिए महिंद्रा सेज फ्लाईओवर के नीचे नई सड़क बनाई गई है। इसमें फ्लाईओवर से दो किमी पहले हाइवेज पर जगह-जगह कट बंद कर नए सड़क मार्ग के लिए संकेतक लगाए गए हैं।
रिंग रोड पर जाने के लिए गफलत के साइन बोर्ड से लोग चक्करघिन्नी
एनएचएआई ने बिना सूचना दिए डीपीएस कट को बंद तो कर दिया लेकिन रिंग रोड पर जाने के लिए बनाए गए वैकल्पिक मार्ग पर छोटे-छोटे संकेतक लगा दिए गए। ये संकेतक अजमेर की तरफ से आने वाले वाहन चालकों को दिखाई ही नहीं दे रहे। जिस कारण से रिंग रोड की तरफ जाने वाले सारे वाहन जयपुर की तरफ जाकर रिंग रोड पर जाने का रास्ता ही ढूंढ़ते रहे। शनिवार को दिनभर यही गफलत सड़क पर दिखाई दी।
वाहन चालकों का कहना था कि अगर कट बंद ही करना था तो एनएचएआई पहले सूचना देता। और अगर सूचना भी नहीं दी तो प्रशासन को रिंग रोड की तरफ जाने वाले बड़े साइनेज लगाने चाहिए थे जिससे उनको 8 किलोमीटर लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ता। अभी रिंग रोड पर जाने वाले लोगों को करीब 8 किलोमीटर आगे 200 फीट बाईपास से चक्कर खाकर आना पड़ रहा है।
8 किलोमीटर लगा लंबा जाम, 2 घंटे रेंग-रेंग कर चले वाहन
शनिवार को एनएचएआई द्वारा कट बंद कर दिए जाने के बाद वाहन चालकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। अजमेर रोड पर नृसिंहपुरा से लेकर 200 फीट तक लंबा जाम लग गया। वहां से निकलने के लिए लोगों को करीब 2 घंटे तक का समय लगा। पूरे दिन वाहन रेंग-रेंगकर चलते रहे ।
रॉन्ग साइड चल रहे वाहन बने लोगों के लिए मुसीबत
हादसे के करीब एक महीने बाद प्रशासन ने डीपीएस कट को शनिवार को सिमेंट के भारी ब्लॉकों के साथ उसे बंद कर दिया। लेकिन इतने भीषण हादसे के बाद भी लोगों को इस हादसे से सबक नहीं मिला। डीपीएस कट को बंद करने के बाद भी भारी वाहन अब रॉग साईड से निकलना शुरु हो गए है। जिससे सामने से आने वाले दूपहिया व चौपहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग गलत दिशा का इस्तेमाल कर अपनी जान जोखिम में डालते दिखाई दिए।
अग्निकांड के शिकार वाहनों से लोग निकाल रहे लोहा
भीषण अग्निकांड के बाद जले हुए वाहनो और पेड़ों को प्रशासन ने क्रेन की मदद से हाईवे पर खाली पड़ी जमीन पर डाल दिया था और यातायात सुचारु करवा दिया था। लेकिन एक महीने बीत जाने के बाद यहां विचरण करने वाले खानाबदोश व्यक्ति इन जली हुई गाड़ियों से लोहे के सामान और जली हुई लकड़ी से कोयला निकाल कर ले जा रहे है। लेकिन यहां पर मौजूद स्थानीय लोगों और पुलिस के जवानों ने उन्हे कभी रोकने की जहमत नहीं उठाई।