February 5, 2025, 12:09 pm
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डीडीएलजे की स्क्रीनिंग में उमड़े दर्शकों के सैलाब के साथ JIFF का शानदार समापन, फिर मिलेंगे जनवरी 2026 में

जयपुर। जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (JIFF) 2025 का मंगलवार को भव्य समापन हुआ। पिछले पांच दिनों तक चले इस आयोजन ने जयपुर, राजस्थान और भारत को विश्व सिनेमा समुदाय से जोड़ने की एक नई मिसाल कायम की। देश-विदेश से आए 650 से अधिक फिल्ममेकर्स ने जयपुर में शिरकत की और स्थानीय फिल्म प्रेमियों के साथ अपनी कहानियां और अनुभव साझा किए। यह फेस्टिवल न केवल सिनेमा का जश्न था, बल्कि राजस्थान और भारत में फिल्म उद्योग के विकास का एक महत्वपूर्ण मंच भी साबित हुआ।

सिनेमा की नई ऊंचाइयां और दर्शकों का अपार उत्साह

फेस्टिवल की शुरुआत एक शानदार म्यूजिकल रेड कार्पेट से हुई, और समापन मंगलवार को 62 फिल्मों की स्क्रीनिंग के साथ हुआ। सिनेमा प्रेमियों ने 48 देशों की 240 फिल्मों का लुत्फ उठाया और हर स्क्रीनिंग पर अद्भुत उत्साह देखने को मिला।

डीडीएलजे: दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की स्क्रीनिंग में दर्शकों का हूटिंग और तालियों के साथ स्वागत हुआ। यह देखना मानो प्रेम का सागर JIFF में उमड़ पड़ा हो। राजस्थान से श्रवण सागर की भड़खमा और हास्य और ऊर्जा का तड़का लगाती हसीथ गोली की ब्लॉकबस्टर तेलुगु कॉमेडी-ड्रामा स्वैग्ग को दर्शकों ने खूब पसंद किया।

राजस्थान की कला और संस्कृति को बढ़ावा

फेस्टिवल ने न केवल सिनेमा को बल्कि राजस्थान की कला, संस्कृति और पर्यटन को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। JIFF के कारण राज्य सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, वहीं INOX के आसपास के सभी होटल अंतरराष्ट्रीय डेलीगेट्स से भर गए। यह आयोजन स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा प्रोत्साहन साबित हुआ।

जिफ में पाकिस्तानी फिल्म का अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर

जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवलका के अंतिम दिन आज पाकिस्तानी सिन्धी फिल्म ‘सिंधु जी गूंज’ का विश्व प्रीमियर हुआ। पाकिस्तान में 26 साल बाद बनी किसी सिन्धी फिल्म का यह अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर जिफ की आठवीं स्क्रीन राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति (Rajasthan Adult Education Association) के परदे पर हुआ।

राहुल एजाज द्वारा निर्मित यह फिल्म ऋत्विक घटक तथा प्रयोगवादी मणि कौल तथा कुमार साहनी की सिनेमा शैली की याद दिलाती है। एजाज का कहना है कि सिंधु नदी जो सिंधी संस्कृति का “प्रमुख प्रतीक” रही है इस फिल्म के लिए प्रेरणास्रोत रही है। यह फिल्म सिंधु नदी पर, उसके पार और उसके आसपास की पांच कहानियों के माध्यम से मनुष्यों और सिंधु नदी के बीच के संबंधों की खोज करती है।

पाकिस्तान में पहली सिंधी फिल्म ‘उमर मारवी’ 1956 में रिलीज़ हुई थी और आखिरी सिंधी फिल्म थी ‘हिम्मत’ जो 1997 में रिलीज़ हुई थी। तब से, केवल कुछ सिंधी टेलीफिल्म और लघु फिल्में बनाई गई हैं, लेकिन कोई भी सिंधी फीचर फिल्म, वहां नहीं बनी।

फिल्म के दर्शकों में बड़ी संख्या में प्रमुख सिन्धी गण उपस्थित थे। सिनेमा ऑन व्हील्स पर 25 फिल्मों को एक नए अंदाज में दर्शकों ने खूब एंजॉय किया।

सिनेमा ऑन व्हील्स का अनोखा अनुभव

सिनेमा ऑन व्हील्स के तहत 25 फिल्मों की अनूठी स्क्रीनिंग ने दर्शकों को एक नए अंदाज में सिनेमा का आनंद लेने का अवसर दिया। जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (JIFF) में स्विस फिल्म निर्माता ने “द स्पिरिचुअलाइजेशन ऑफ जेफ बॉयड” पर चर्चा की

स्विस फिल्म निर्माता उवे श्वार्ज़वाल्डर ने जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के 17वें संस्करण में अपनी नवीनतम फिल्म “द स्पिरिचुअलाइजेशन ऑफ जेफ बॉयड” पर गहन चर्चा की। उन्होंने फेस्टिवल की प्रगति, पेशेवर दृष्टिकोण और भारतीय सिनेमा की प्रभावशाली उपस्थिति की सराहना की।

फिल्म एक मानसिक अस्पताल से भागे एक परेशान व्यक्ति की कहानी को उजागर करती है, जो आध्यात्मिक जागृति की खोज में निकलता है। उसकी यात्रा उसे एक बेकरी से बाल्कन पहाड़ों तक ले जाती है और अंततः भारत पहुंचाती है, जहां वह एक गुरु से मिलता है। श्वार्ज़वाल्डर ने बताया कि यह कहानी वास्तविक जीवन के अनुभवों से प्रेरित है और यह सांस्कृतिक सीमाओं से परे जाती है।

यह फिल्म भारत के विभिन्न स्थानों, जैसे आगरा और एक रेगिस्तानी आश्रम (जो अनाथ बच्चों के लिए है), में शूट की गई है। निर्देशक ने कहा कि भारत को “आध्यात्मिकता की मां” के रूप में दिखाने के लिए फिल्म का परिदृश्य तैयार किया गया।

श्वार्ज़वाल्डर ने भारतीय सिनेमा की वैश्विक क्षमता की भी प्रशंसा की और यूरोप व अमेरिका में भारतीय फिल्मों के बढ़ते वितरण की आवश्यकता पर जोर दिया। यह उनकी जयपुर में तीसरी यात्रा थी, और उन्होंने स्थानीय आकर्षणों, जैसे हाथी की सवारी, किलों के दौरे, और जयपुर के फ्यूजन व्यंजनों का आनंद लेने की बात साझा की।

स्पेनिश अभिनेता एएसटी ने जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अपनी यात्रा पर प्रकाश डाला

स्पेनिश अभिनेता एएसटी ने फेस्टिवल के प्रति अपने अनुभवों पर बात की और बताया कि कैसे उन्होंने केवल एक अभिनेता से निर्देशन और पटकथा लेखन जैसी नई भूमिकाएं अपनाई हैं। एएसटी ने फेस्टिवल की पेशेवर संरचना, नए स्थल, और रचनात्मक विकास के अवसरों की प्रशंसा की। उन्होंने अपने करियर में आगे बढ़ने और अधिक पहचान पाने की आकांक्षा साझा की।

उन्होंने भारत और जापान के फिल्म निर्माताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया, जिसे सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने और सिनेमाई क्षितिज को विस्तृत करने के लिए महत्वपूर्ण बताया।

एएसटी ने यह भी बताया कि उनकी फिल्म को फ्रांस और इटली जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल्स में प्रस्तुत करने की योजना है, ताकि वैश्विक दर्शकों के बीच फिल्म को अधिक पहचान मिल सके।

वयोवृद्ध ऑस्ट्रेलियाई अभिनेता एंड्रयू वायल ने फेस्टिवल यात्रा और फिल्म उद्योग पर अनुभव साझा किए

55 वर्षों के लंबे फिल्मी करियर के साथ, वयोवृद्ध अभिनेता एंड्रयू वायल ने जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में एक मास्टर क्लास का आयोजन किया। इस सत्र में उन्होंने संवेदनशीलता से जुड़े अभ्यास और उद्योग की व्यावहारिक जानकारी साझा की।

वायल ने जयपुर के जीवंत माहौल और फेस्टिवल के विस्तार, जो एक स्क्रीन से आठ स्क्रीन तक बढ़ा है, की प्रशंसा की। उन्होंने स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देने में फेस्टिवल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।

वायल ने कलाकारों के लिए अनुकूलनशीलता के महत्व पर जोर दिया और अपने खुद के करियर में पुनर्निर्माण के अनुभव को साझा किया।

जयपुर में जिफ का आयोजन: दर्शकों की राय और पसंदीदा फिल्में

जयपुर की सामतना, पिछले तीन दिन से लगातार जिफ में आ रही है और अलग अलग फिल्मों को देख रही है, इन्हीं फिल्मों में से उन्हें फ़िल्म मृत्युभोज काफ़ी पसंद आई हैं, उनका कहना है कि कैसे एक अच्छे निर्णय ने बरसों की रीत को ख़त्म कर दिया। फ़िल्म का मेसेज और तरीका दोनों उन्हें ख़ूब पसंद आए ।

डिजायर फ़िल्म के लीड एक्टर महाराष्ट्र के विश्वजीत पंवार को जिफ का मैनेजमेंट काफ़ी पसंद आया। उनका कहना है उनके अभी तक के अनुभव में जिफ़ सबसे उम्दा फेस्टिवल है । अपनी फ़िल्म की कहानी के बारे में वे बताते हैं कि यहाँ उन्हें ऑडियंस से भी अच्छा रेस्पॉन्स मिला है ।

गुड़गाँव की नविता ने वेल्डन सी ए साहेब के बारे में बताया कि उन्हें लग ही नहीं रहा था कि वो कोई फ़िल्म देख रहीं हैं उन्होंने फ़िल्म को इस तरीक़े से जिया। साथ ही वे कहती हैं कि फ़िल्म की कहानी इतनी सच्ची थी और पूरे समय उन्हें बाँधे रख रही थी ।

सारथी फ़िल्म से रिया ने जिफ़ को भारतीय कल्चर को प्रमोट करने और पूरी दुनिया के फ़िल्म मेकर्स और डायरेक्टर को एक मंच प्रदान करने वाला बताया। उन्होंने जिफ़ में काफ़ी फ़िल्म देखीं हैं जिनमें उन्हें शांति निकेतन काफ़ी पसंद आई ।

जनवरी 2026 में फिर मिलेंगे

JIFF का यह आयोजन न केवल सिनेमा के प्रति उत्साह को बढ़ावा देने वाला था, बल्कि राजस्थान को विश्व सिनेमा के मानचित्र पर स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। JIFF के माध्यम से भारतीय और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के बीच पुल बनने की यह परंपरा अगले साल जनवरी 2026 में फिर जारी रहेगी।

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